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पासवर्ड ही तो है कुछ भी रख लो…ये वाली गलती आप बिलकुल मत करना, ध्यान रखें ये 4 बात 

हमारे मीडिया से आपने अब तक ऐसी कई खबरें पढ़ी हैं जिनमें हमने बताया है कि हैकर्स किस तरह के कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड्स को कुछ ही सेकंड में क्रैक कर लेते हैं। हमारे यहां कई एडोबिड की लिस्ट भी शेयर की गई है जिसमें ग्लोबल यूज़ होने वाले कॉमनवेल्थ मेमोरियल के बारे में बताया गया है। आज हमने आपको ये बताए गए हैं कि आपको अपने डिजिटल अकाउंट का पासवर्ड सेट करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप लोगों की बात सुनकर हैरान हैं, तो कुछ भी रख लो वाले वैज्ञानिकों को फॉलो करते हैं तो आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं।

जिसने बनाया ऐसा रिकार्ड हो रहेगा सेफ

पासवर्ड की लंबाई: पासवर्ड को सुरक्षित बनाने का सबसे अच्छा तरीका है इसकी लंबाई की लंबाई। हैकर्स के लिए पुरातनपंथी अभिलेख को तोड़ना कठिन होता है। बोर्ड्स का मानना ​​है कि एक ‘मजबूत पासवर्ड कम से कम 12 साथियों का होना चाहिए। सचिन कैस्टेलिनो, मुख्य रणनीतिकार और ट्रांसफ़ॉर्मेशन ऑफ़िसर, इन-सोल्यूशंस ग्लोबल के अनुसार ‘मज़बूत पासवर्ड कम से कम 12 टुकड़ों का होना चाहिए, इसमें अपर केस, लोवर कैस लैटर्स, नंबर और विशेष टुकड़े होने चाहिए।’

जैसे एक सप्ताह और स्ट्रांग पासवर्ड में अंतर देखें- 987456321/ @globalTech5018P

जन्म तिथि या स्थान का नाम जैसी निजी बातें बताएं

पासवर्ड दस्तावेज़ समय अपनी निजी जानकारी जैसे कि जन्म तिथि या स्थान का नाम, वर्षगांठ, बच्चों का नाम आदि न रखें। सोशल डोमेन में आपका जो डेटा है, वह यूजर का रिकॉर्ड बिल्कुल भी नहीं है। हैकर्स की पहली नज़र आपके डिजिटल डेटा पर ही होती है। सचिन कैस्टेलिनो का कहना है कि ‘रैंडम कॉम्बिनेशन लेकर पासवर्ड तय करें, जो आपके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा न हो। साथ ही अपने पासवर्ड, मोबाइल या इंटरनेट के पिन को कहीं भी न लिखें, इससे आपके खाते में सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो जाता है। अगर किसी को वह कागज या फाइल मिल जाए तो वे आसानी से अपना अकाउंट एक्सेस कर सकते हैं।

‍किताब ‍किए गए ट्रिक को फॉलो करें

कई अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड रखना आम बात है, लेकिन ये इस डिजिटल युग में खतरनाक साबित हो सकता है। सभी अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाए जाएं ताकि अगर आप कभी भी हैकर्स के पास हैकिंग का शिकार हो जाएं तो हैकर्स के पास आपका इनफॉर्मेशन न जाए।

हर 60 या 90 दिन में निश्चित रूप से कम

आपके पासवर्ड को हर 60 या 90 दिन में छोटा किया जाना चाहिए ताकि आपके हक होने की संभावना कम हो जाए। न सिर्फ पासवर्ड बल्कि अपने ऐप्स को भी ग्रेडली अपडेट करते रहें ताकि उनमें कोई खामी न आए। कैस्टेलिनो सलाह देते हैं कि ‘हर तीन से छह महीने में अपने पासवर्ड को रिमाइंडर सेट कर लें ताकि ये आपको याद रहे।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपको पासवर्ड के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। अपने सभी डिजिटल अकाउंट के लिए इस सेवा को ऑन करें ताकि स्टार्टअप और मजबूत हो जाए।

इस बात का भी ध्यान रखें

मछली पकड़ने पर हमला भी सबसे मजबूत ढांचा हो सकता है। इसलिए अपने लॉगइन क्रेडेंसिकल्स से पहले हमेशा ईमेल और वेबसाइट के ऑथेंटिसिटी को वैरिफाई कर लें। अगर आप इनसिक्योर वेबसाइट पर अपने डिटेल्स डालते हैं तो आपका अकाउंट कंप्रोमाइज हो सकता है। इसके अलावा यदि आप पासवर्ड सेफ रखरखाव के लिए पासवर्ड मैनेजर ऐप्स का उपयोग करते हैं तो भी पहले अच्छे से जांच लें। देखने का मतलब रीव्यू आदि बच्चे देखें लें.

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