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ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर अमेरिकी रिपोर्ट में क्या है भारत की स्थिति?

मानव तस्करी रिपोर्ट: सैकड़ों भारतीयों को निकारागुआ ले जा रहे फ्रांस में एक सूचना के आधार पर लीजेंड स्टार्स के मैदान पर रोक लगा दी गई। फ्रेंच बाइबल को शक था कि इसमें मानव संसाधन की जा रही है। हालांकि यह विमान मंगलवार (26 दिसंबर) को मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच गया था लेकिन बाद में मानव धर्म जैसे गंभीर अपराध से जुड़ी एक बहस को खारिज कर दिया गया। संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन’ कहा है।

दस्तावेज़ के अनुसार ये सभी यात्री दुबई में एक जगह एकत्र हुए थे। वहां से निकारागुआ जाने वाली चार्टर प्लेन से एक साथ प्रस्थान हुआ। इन सभी को एक साथ संपर्क, टिकट, टिकट, कागजात, एजेंटों की जांच की जा रही है। इसके अलावा जो यात्री भारत नहीं आए हैं, उन्हें वापस आने वाले यात्री कैसे और कितने जानते हैं, ये जानकारी भी ली जा रही है।

डंकी रूट से अमेरिका जाना चाहते थे यात्री?

होने से मिली जानकारी के अनुसार, मेक्सिको में इमीगेशन सीमित के बने हुए हैं ये सभी यात्री अलग-अलग डंकी रूट अपनाकर अपनी मंजिल तक अंतिम स्थान चाह रहे थे। इससे पहले, केंद्रीय विदेश मंत्री वी मुरलीधरन ने अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा डेटा का हवाला देते हुए संसद में बताया था कि इस साल करीब 1 लाख अवैध भारतीय बीमा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया था।

मानव अधिकारों को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट

अमेरिका ने निकारागुआ को संयुक्त राष्ट्र की श्रेणी में शामिल कर लिया है, जो मानव परंपराओं को समाप्त करने के लिए न्यूनतम मानकों पर खरा नहीं उतरता। अमेरिका ने निकारागुआ को लास्ट टियर 3 में लॉन्च किया है, जबकि भारत में लास्ट टियर 2 में लास्ट डिविजन है।

अमेरिका की राय में भारत के मानव मॉड्यूल के बारे में?

अमेरिका की मानव मानक रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि भारत “टास्करी के लिए न्यूनतम मानकों को पूरी तरह से पूरा नहीं करता है।” हालाँकि, इसमें यह भी कहा गया है कि देश के मानकों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों से अमेरिकी सरकार के रिकॉर्ड में टियर 2 श्रेणी (3 भागों में) बनाए रखा है।

जून में जारी नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और राज्यों के बीच संयुक्त प्रयास के साथ-साथ विदेशी एकत्रीकरण के साथ सामूहिक दस्तावेजों के कई मुद्दों और समूहों को चुनौती देने में प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा, “एमएचए (केंद्रीय गृह मंत्रालय) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जिम्मेदार वास्तुशिल्प अधिकारियों, पुलिस और अन्य अधिकारियों की क्षमता का निर्धारण किया है।”

रिपोर्ट में पाया गया कि भारत सरकार कुछ प्रमुख जिलों में न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं करती है। मानव संग्रहालय के कम मामलों में मुकदमा और उन्हें दोषी ठहराया गया है, मानव जाति के कम मामलों की पहचान हुई है और बंधुआ संप्रदाय की पहचान में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार ने हर तरह के दस्तावेजों को अपराध घोषित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 में संशोधन नहीं किया है।

टीचर इस तरह करते हैं इलेक्ट्रानिक का शोषण

रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्यूमन टीचर्स को कम सैलरी वाली शॉपिंग मॉल में लोन दिया जाता है और लोन का ड्रग भी दिया जाता है। साथ ही रिकार्डो को भारी मात्रा में अग्रिम आपूर्ति का वादा किया जाता है और भारी मात्रा में रिकार्डो को शामिल करने का शोषण किया जाता है। इतना ही नहीं आवास, स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर उनकी कीमतों में भी कटौती कर लेते हैं। रिपोर्ट में एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत में कम से कम आठ करोड़ लोगों का शिकार किया गया है, जिनमें ज्यादातर बंधुआ मजदूर हैं।

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