करियर

Ram Kewat Sanwad: नदी पार कराने के लिए जब केवट ने भगवान राम के सामने रख दी थी ये शर्त

राम केवट संवाद: प्रभु श्री राम से जुड़े बहुत से प्रसंग आपको प्रासंगिक लगे लेकिन आज हम बताएंगे प्रभु श्री राम और केवट के संवाद का जो उनके बीच वनवास के दौरान हुआ। वनवास पर जाने के बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी को गंगा नदी पार करनी थी। उस वक्त उनका इंटरव्यू केवट से हुआ. नदी पार करने के लिए उन्हें केवल की शर्त माननी पड़ी, शर्त के पूरा होने पर केवट प्रभु श्री राम को नदी पार करना पड़ा।

केवट की शर्त क्या थी?
प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास के दौरान उन्हें सरयू नदी पार करना था। सरयू नदी के तट पर प्रभु श्री राम के दर्शन केवट से हुए। श्री राम ने केवट से नाव छोड़ी। लेकिन केवट ने शर्त रखी कि नाव में डूबने से पहले राम जी के चरण धो लें। प्रभु श्री राम ने केवट की शर्त मन ली, और उन्हें चरण धो लें। इस को सुनने के बाद केवट की खुशी का जिक्र नहीं आ रहा और पैर धोने के लिए एक थाल लाया गया और प्रभु श्री राम के पैर धोए।

अर्थ- श्री राम ने केवट से नाव माँगी, पर वह प्रस्तुत नहीं किया, वह देखा- मैंने प्रभु मर्म (भेद) जान लिया। फ़ेस चरण कमलों की धुलाई के लिए सभी लोग कहते हैं कि वह आदमी बना हुआ है, कोई काम नहीं करता है।

पैर धोते समय जब दूसरी पैर मिट्टी में भगवान चले गए तो केवट दुखी हो गए तब श्री राम एक पैर पर खड़े हो गए, केवट प्रभु को एक पैर पर देखकर दुखी हो गए और उनके सिर का सहारा लेने को कहा गया। केवट की ये बात सुनकर भगवान राम ने केवट के सिर पर हाथ रखकर आकाश से पुष्प की वर्षा की। प्रभु के मंच के अमृत का पान केवट और उनके अवशेष ने श्री राम को पार कराया।

अर्थ-चरणों को धोकर और सारे परिवार सहित स्वयं उस जल (चरणोदक) को पीकर पहले (उस महान पुण्य के द्वारा) अपने पितरों को भवसागर से पार कर फिर आनंद लेकर प्रभु श्री रामचन्द्रजी को गंगाजी के पार ले गए।

जब प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी केवट की नाव से उतरे तो प्रभु श्री राम के पास केवट को कुछ नहीं दिया तो माता सीता ने अपनी अंगूठी केवट को उद्घाटित कर दिया।

भगवान राम को गंगा पार वाले केवट पूर्वजन्म में कछुआ थे। ऐसी मान्यता है कि जब धरती जलमग्न थी, तब केवट का जन्म एक कछुए के रूप में हुआ था। केवट ने कछुए के रूप में कई वर्षों तक टैप किया। भगवान ने अपने तप को देखते हुए उन्हें केवट का अवतार दिया।

यह भी पढ़ें- राम आयेंगे: ठुमुकु ठुमुकु प्रभु चलहिं पराई…जानिए रामलला की बाल लीलाएं

अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।


Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *