उत्तराखंड विधनसभा का मुस्लिम संगठनों ने किया घेराव, UCC को बताया हक छीनने वाला कानून
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उत्तराखंड में यूसीसी ड्राफ्ट: उत्तराखंड में बीजेपी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने जा रही है। 6 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट हाउस ऑफ पटल पर जारी किया गया। बीजेपी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़े पैमाने पर दावे कर रही है। कहा जा रहा है कि यूनी फॉर्म सिविल कोड कानून को लागू किया जा रहा है। यूनीफॉर्म सिविल कोड से जनता को फायदा होगा। दूसरी ओर यूनिफार्म सिविल कोड के विरोध में हड़ताल शुरू हो गई है। मुस्लिम ईसाइयों की ओर से सोमवार को विधानसभा का चुनाव समाप्त कर दिया गया।
मुस्लिम धर्मावलंबियों ने यूसीसी के खिलाफ निकाला मोर्चा
यूसीसी विधानसभा के विरोध में मुस्लिम धर्मावलंबियों, वकीलों, अलग-अलग वर्गों और महिलाओं का भी साथ मिला। बता दें कि सोमवार से विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत हुई है. सत्र के पहले दिन मुस्लिम कलाकारों ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का तीखा विरोध प्रदर्शन देखा। विरोध प्रदर्शन में सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा भी शामिल हुए. विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रस्ताव भी पेश किया। मुस्लिम धर्मावलंबियों ने यूनीफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड के मंदिर में भी घातक बताया। रेस्टॉरेंट ने कहा कि यूसीसी ने उत्तराखंड के लोगों की जमीनों को तोड़ने का काम सरकार को सौंप दिया है।
विरोध प्रदर्शन को परिभाषित किया गया
सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होना शामिल है। उन्होंने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. महमूद प्राचा ने कहा कि सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के गरीब मुसलमानों और गरीबों की जमीनों को छीनने का षड्यंत्र रच रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ़ हड़ताल प्रदर्शन में बार काउंसिल के पूर्व राष्ट्रपति रजिया बेग ने भी सरकार पर हमला बोल दिया। रजिया बेग ने कहा कि महिला अधिकार की बात करने वाली सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को क्या दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को बरगलाने के लिए ऐसे कानून सरकार ला रही है। यूनीफॉर्म सिविल कोड आविष्कार का कानून नहीं बल्कि लोगों के हकों को छीनने का कानून है। सरकार का मुस्लिम महिलाओं के हक की बात बेमानी है।
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