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Chai Par Sameeksha: राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे मगर कांग्रेस सांसद ही अलग देश की माँग रहे हैं

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क  के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के विवादित बयान और बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने और इंडिया गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक ओर भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी पार्टी के नेता अलग देश की बात उठा रहे हैं।

सबसे पहले हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से डीके सुरेश के बयान पर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से डीके सुरेश ने बयान दिया है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भले ही कांग्रेस इसे खारिज कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। लेकिन डीके सुरेश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह संदेश दिया जा सके कि देश प्रथम है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता ने इस तरीके का बयान दिया है। कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी इस तरीके के बयान देते रहे हैं। डीएमके के भी सांसद ने इसी तरीके का बयान दिया था। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा के देश से बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता है। कांग्रेस को कार्रवाई करके एक सख्त संदेश देने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी के भारत के जोड़ों ने यात्रा पर भी तंज कसा।

नीरज दुबे ने कहा कि एक ओर राहुल गांधी भारत जोड़ो और भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। लेकिन उनकी पार्टी के ही लोग भारत तोड़ने की बात कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की राजनीति नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि डीके सुरेश के बयान पर उनके भाई डीके शिवकुमार ने सफाई देते हुए कहा कि हमारा हिस्सा उत्तर भारत को दिया जा रहा है। यह कहीं ना कहीं दक्षिण-उत्तर की लड़ाई को हवा देने की कोशिश की जा रही है। इस कारण इन लोगों के बयानों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हालांकि, नीरज दुबे ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने भी उत्तर भारतीयों के राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए थे। ऐसे में अगर पार्टी के अन्य नेता इस तरीके की बातें कर रहे हैं तो हमें ऐसे लोगों से ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि चाहे जो भी लोग देश के खिलाफ बात करें, उन्हें राजनीति से बाहर करनी चाहिए। 

नीरज दुबे से हम ने इंडिया गठबंधन पर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन बनाने का प्रयास किया था। लेकिन अब वह खुद ही अलग हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भी कहीं ना कहीं इंडिया गठबंधन से अलग होती दिखाई दे रही हैं। अखिलेश यादव भी नाराज चल रहे हैं। यह सभी नेता कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस से दूरी बनाई है, उन नेताओं की बात को माने तो कहीं ना कहीं जो राहुल गांधी या गांधी परिवार के किचन कैबिनेट के लोग हैं वही तय करते हैं कि बड़े नेताओं को किनसे मिलना है, पार्टी की क्या रनणीति होगी, कौन उनसे मिल सकता है कौन नहीं मिल सकता है, उन्हें क्या करना है क्या नहीं करना है?

हमने भाजपा द्वारा उठाए गए एक मास्टर स्टॉक पर भी चर्चा की। पिछले सप्ताह मोदी सरकार द्वारा लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने को लेकर भी हमने सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि आडवाणी जी इसके पूरी तरीके से हकदार थे। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि आडवाणी जी की राजनीतिक यात्रा को केवल राम मंदिर आंदोलन से ही जोड़कर देखना गलत होगा। आडवाणी जी ने अपने जीवन में कई आयाम स्थापित किए हैं जो आज भी राजनेताओं के लिए एक उदाहरण है। नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से आडवाणी जी ने अपनी बेदाग राजनीति की है, उन पर कोई भी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा। एक बार उनका सिर्फ नाम आया, उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और जब तक वह पाक साफ साबित नहीं हुए तब तक वह वापस नहीं लौटे। आडवाणी जी ने राजनीति में सुराज शब्द का सृजन किया। आडवाणी जी विचार और सिद्धांतों के धनी थे। हमेशा उन्होंने इन्हीं रास्तों पर चलने की कोशिश की। वह भले ही भाजपा के थे लेकिन सभी से उनके अच्छे संबंध रहे हैं। 


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