आज प्रदोष व्रत के दिन करें इन चीजों का दान, भोलेनाथ की कृपा से जीवन में आएगी सुख-शांति
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बुध प्रदोष व्रत 2024: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का महत्व प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूरी विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। आज 7 फरवरी को इस महीने का पहला प्रदोष व्रत है। आज रविवार होने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में होती है। सूर्य के बाद और रात के एक बजे से पहले का समय प्रदोष काल का है। इस दिन कुछ बेवकूफी का दान करने से भोलेनाथ जल्द ही आकर्षित हो जाते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन इन नी का दान
व्रत के दिन अन्न दान करना अति उत्तम माना जाता है। इस दिन अन्न का दान करने से महादेव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रदोष व्रत के दिन उड़द की दाल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। व्रत के दिन सफेद वस्त्र पहनना चाहिए और सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए। प्रदोष व्रत के दिन पवित्र वस्त्र दान करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इससे जीवन में सुख-शांति आती है।
कुंडली में चंद्रमा की स्थिति होती है मजबूत
प्रदोष व्रत के दौरान पूरी विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। प्रदोष व्रत के दिन सफेद नी का दान करने से महादेव के साथ-साथ चंद्र देव की भी कृपा बरसती है। आज के दिन सफेद नीबू के दान से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा के समय दूध और दही वाला घोड़ा बनाना चाहिए। साथ ही आज के दिन दूध और दही का दान भी करना चाहिए। इनसे भगवान शंकर और माता पार्वती जल्दी आकर्षित होते हैं।
प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूर्ण निष्ठा से भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार एक प्रदोष व्रत करने से दो व्रतों के दान के समान फल मिलते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है।
प्रदोष व्रत के दिन सुबह ब्रह्म उत्सव में स्नान ध्यान करने के बाद प्रदोष काल में शिव की आराधना करनी चाहिए। उन्हें बेलपत्र, दीपक, गंगाजल और धूप सेंकना चाहिए। इसके साथ ही जलाभिषेक करके शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस पूजन विधि से बाबा भोलेनाथ के सभी मन्त्र पूर्ण कर देते हैं।
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