टेक्नोलॉजी

बिना इजाजत नहीं होगा कोई AI प्रोडक्ट लॉन्च, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

टेक कंपनियों को केंद्र की सलाह: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टेक कंपनी से आर्टिफिशियल एजेंसी (एआई) से संबंधित एक एड एजेंसी जारी की। मिनिस्ट्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की कड़ी आलोचना की भी पेशकश की।

एड फिशरी में कहा गया है कि आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी से जुड़े उद्योगपति देश में अपने फ़्लोरिडा प्रोडक्ट लॉन्च करने से पहले सरकार से मंजूरी लेंगे। इसके साथ ही सभी इंटरमीडियरीज को एड डियांगरी का सक्रिय पालन करने के लिए कहा गया है और 15 दिनों की इनसाइड एक्शन-कम-स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

सरकार ने अपनी एड्री में क्या कहा

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है, सभी इंटरमीडिएटरीज/प्लेटफॉर्मों को निर्धारित किया गया है कि वे आर्किटेक्चर के कारण उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान-गलत सूचना के लिए, विशेष रूप से डीपफेक एसोसिएटेड एसोसिएट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

सरकार ने एड इश्यूरी में यह भी कहा है कि मोट-आधारित कंटेट को किसी भी स्थायी मेटा डेटा या किसी अन्य पहचान के लिए जारी किया जाएगा, ताकि अगर किसी डेंटल न्यूज या डीपफेक में इसका इस्तेमाल किया जाए तो उसके क्रिएटर की पहचान हो सके।

‘प्रोडक्ट के लॉन्च होने से पहले तय की जरूरत’

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि इस तकनीक का कोई संरक्षक नहीं होने के कारण यह बहुत जरूरी है। हम ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, जहां किसी भी उत्पाद को पहले लॉन्च करने की काफी सख्त जरूरत होती है। मंत्री ने कहा कि अगर किसी मॉडल मॉडल को ‘अंडर-टेस्टिंग’ के लेबल के साथ बाजार में उतारा जाए तो भी सरकार की मंजूरी लेनी होगी।

दरसल, गूगल के मोटो टूल जेमिनि ने प्रधानमंत्री पर कथित तौर पर आरोप लगाया है नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे गए प्रश्न को लेकर पूर्व पूर्ण उत्तर दिया गया। इसके बाद जेमिनी की ओर से लेकर विवाद तेज हो गया। इसके बाद ही इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से फ्लैट को लेकर एड जारी किया गया।

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