चीन ने भेजा परमाणु हथियारों का साजो-सामान! भारत ने ऐसे पकड़ा पाकिस्तान का सफेद झूठ
![चीन ने भेजा परमाणु हथियारों का साजो-सामान! भारत ने ऐसे पकड़ा पाकिस्तान का सफेद झूठ](https://amtnews24.com/wp-content/uploads/2024/03/चीन-ने-भेजा-परमाणु-हथियारों-का-साजो-सामान-भारत-ने-ऐसे.jpg)
पाकिस्तान परमाणु हथियार: भारतीय सुरक्षा अकादमी ने पाकिस्तान जाने वाले एक जहाज को मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर पकड़ा है। यह जहाज चीन से पाकिस्तान जा रहा था। चीन की ओर से भेजे गए इस जहाज में परमाणु हथियार बनाने और बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़े कंसाइनमेंट के शक में भारत ने इसे छोड़ा है। अब डीड्राओ की रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
न्यूज एजेंसी एनी ने सरकारी मंजूरी के दस्तावेजों में दावा किया है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में इस्तेमाल के लिए चीन से दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं। तीन दिन है.
परमाणु हथियार में इस्तेमाल किया जा सकता है सीएनसी रिप्लेसमेंट
डीओ विशेषज्ञ की रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े आकार के कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) के उपकरण उपयोग वाले उपकरण हैं। डीडीआरओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका उपयोग सैन्य उपकरणों के लिए किया जा सकता है।
लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक सीएनसी सोसायटी नॉर्थ कोरिया में अपने परमाणु कार्यक्रम का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, पाकिस्तान ने रविवार (3 मार्च) को चीन के जहाज़ की भारत में ज़ायजी की कार्रवाई का विरोध किया। पाकिस्तान ने इसे खारद मशीन पर नियुक्त किया है जो एक सामान्य सा मामला है।
चीनी कंसाइनमेंट में इटली की सीएनसी मशीन
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान जा रहा चीन के कंसाइनमेंट में एक सीएमसी मशीन है, जिसे इटली की कंपनी ने बनाया है। डीडीआरओ ने यह साफ कर दिया है कि सीएनसी मशीन का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम में कर सकता है।
यह कंसाइनमेंट 22,180 किलों का है और इसे ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड की ओर से पाकिस्तान भेजा जा रहा था। सीएनसी कंप्यूटर कंप्यूटर से जुड़े उपकरण हैं। ये कार्यशालाएं, स्थिरता और स्थिरताएं प्रदान की जाती हैं, जो मानव संसाधन के रूप में संभव नहीं हैं।
वासेनार व्यवस्था में सीएनसी सचिवालय शामिल हैं
इन सुविधाओं को 1996 से वासेनार व्यवस्था में शामिल किया गया है। इस अंतर्राष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था का उद्देश्य नागरिक और सैन्य दोनों का उपयोग करने वाले सामुद्रिक पदार्थ का प्रचार-प्रसार करना है, जिसके 42 सदस्य देशों में से एक भारत भी है। जो पारंपरिक व्यावसायिक और लाभकारी उपयोगिताओं की दुकानों पर जानकारी का योगदान-पुष्टि करता है।
ये भी पढ़ें:
Source link