टेक्नोलॉजी

AI फीचर्स से लैस होगा सुगम्य भारत ऐप, दिव्यांगों की करेगा मदद

कृत्रिम होशियारी: आर्टिफिशियल साइंटिफिक जीन्स मूर्ति टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे पूरे लोगों के जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन रही है। इस तकनीक ने बहुत कम समय में ही काफी उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत समेत कई देशों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में भी सरकार इस तकनीक की मदद से जनता की मदद करना चाहती है और उसी का एक उदाहरण सुगम्य भारत ऐप है।

इंटलों के ऐप में वोट फ़ीचर्स

असल में, सरकार ने देश में मौजूदा विकलांग लोगों की मदद के लिए यह ऐप बनाया था। इस ऐप के माध्यम से दिव्यांग लोगों की सूची से मदद करने की कोशिश की जाती है। अब सरकार ने इस ऐप को फिल्म से डिजाइन करने का फैसला किया है।

सरकार ने अपने इस ऐप में मोट टेक्नोलॉजी वाले कुछ खास फीचर्स को शामिल करने वाली है, व्हाट्सएप से इस ऐप देश में रहने वाले विकास लोगों के लिए पहले से भी ज्यादा हिस्सा हो जाएगा। पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंपर्क विभाग के सचिव अग्रवाल ने इसके बारे में बात करते हुए बताया कि, हम स्टूडियो टेक्नोलॉजी के माध्यम से वार्षिक रिपोर्ट, अलग-अलग स्कीम, जिले के आंकड़े और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के गुप्त आंकड़े पेश करते हैं। विज़िनियों को शामिल करेंगे.

क्या-क्या नया होगा?

इसके लिए नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन एसेन्टिबिलिटी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट आई-एसटीईएम के बीच एक एग्रीमेंट एग्रीमेंट (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया है। इसके बारे में बात करते हुए राजेश अग्रवाल ने कहा कि, इस एक्ट का मकसद इस ऐप को विकलांग लोगों के लिए बिल्कुल तरह से आसान बनाना है, ताकि वो सभी फीचर्स की मदद से उन्हें बहुत सारी शैली में इस ऐप को इस्तेमाल करने का मौका मिल सके। कृपया, किसी भी विशेष जानकारी के लिए आर्किटेक्चरल टेक्नोलॉजी की मदद से सावधान रहें।

उन्होंने बताया कि सुगम्य भारत ऐप में मोटो फीचर आने के बाद लोगों को स्माल्ट चैटबॉट, बहुत सारी वेबसाइट का सपोर्ट, आसान एप्लीकेशन, शिकायत करने की सुविधा और दायरा देने की सुविधा जैसी कई खास सुविधाएं मिलेंगी। ये उद्योगपतित्व में मौजूद हजारों लोगों को अरबों लोग बनाते हैं।

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