आदिवासियों के धर्मांतरण पर हाई कोर्ट सख्त! केंद्र और राज्य से पूछा- इस रोकने को क्या नीति है?
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आदिवासियों के धर्मांतरण पर झारखंड HC: वहां के उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार किया है। शुक्रवार (पांच अप्रैल, 2024) को कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से सवाल किया. मामले से जुड़े दस्तावेजी आवेदन की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय की ओर से केंद्र और राज्य सरकार से पूछा गया कि प्रदेश में अन्य धर्मों में धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है? सरकार की इस विषय पर क्या नीति और नैतिकता है?
झारखंड उच्च न्यायालय की ओर से ये सारा प्रश्न उस उत्खनन अभिलेख की खुदाई के दौरान किया गया, जिसमें सोमा स्नैक्स नाम के व्यक्ति की ओर से चोरी की गई है। इस याचिका में बताया गया है कि झारखंड में स्वामित्व और स्टॉक धारकों द्वारा दूसरे धर्म को लाया जा रहा है।
“कुछ संस्थाओं को मंजूरी मिल रही है”
प्रार्थी के सचिव रोहित रंजन सिन्हा ने झारखंड के उच्च न्यायालय में पक्ष रखते हुए जानकारी दी कि कुछ संस्थाएं चंगाई सभा आयोजित कर रही हैं और वे इस दौरान पोषण को भ्रमित कर रही हैं। ऐसे में मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से समिति समिति की जांच होनी चाहिए।
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झारखंड HC ने कहा- केंद्र, राज्य भुगतान करें जवाब
झारखंड उच्च न्यायालय को यह भी बताया गया कि धर्मांतरण मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। वैसे, झारखंड हाई कोर्ट ने ताज़ा मामले में बोर्स्ट अंटार्कट (केंद्र और राज्य) को जवाब देने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई 12 जून, 2024 को मुकर्रर की है। (जापानी व्यापारियों के साथ)
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