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प्रशांत किशोर की ये भविष्यवाणी बढ़ाएगी I.N.D.I.A. ब्लॉक की टेंशन!

इंडिया अलायंस पर प्रशांत किशोर: आम चुनाव के बीच जहां केंद्र की मोदी सरकार पर डेमोक्रेट डेमोक्रेट साध रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस चुनाव में 400 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। इसे लेकर पार्टी की नजर दक्षिण राज्य के वोट बैंक पर है. इस बीच ग्लोबल रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि दक्षिण और पूर्वी भारत में एफएमसीजी को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में बीजेपी के वोट बैंक में बढ़त होगी.

‘बंगाल में भी बीजेपी बनेगी नंबर-1 पार्टी’

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में प्रशांत किशोर ने कहा, “विपक्ष के पास बीजेपी के रथों को रोकने के बहुत मौके थे, लेकिन उन्होंने गलत फैसले के कारण सभी को मौके गंवा दिए। बीजेपी तेलंगाना में या तो पहली या दूसरी बार बड़ी पार्टी उभरेगी।” , जो एक बड़ी बात है वे (बीजेपी) ओडिशा में सबसे ज्यादा वोट हासिल करेंगे।” उन्होंने दावा किया कि यह भी पूरी संभावना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी नंबर एक पार्टी बन रही है. तमिल में बीजेपी का वोट शेयर हिस्सेदारी में पहुंच सकती है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और केरल को इन मिलकार कंपनियों की कुल 204 सीटें मिलीं, लेकिन बीजेपी ने क्षेत्र में 50 फिल्में भी नहीं जीतीं। साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी को इन रेज़्यूमे में 29 रेज़िट मिली थी तो 2019 में 47 रेज़्यूमे पर जीत मिली थी।” उन्होंने कहा, “इस चुनाव में बीजेपी के 370 लक्ष्य की संभावना नहीं है, उन्होंने चुनाव के लिए सिर्फ एक लक्ष्य निर्धारित किया है।”

‘जग मोहनन रेड्डी की वापसी मुश्किल’

आंध्र प्रदेश में चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. इसे लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, “जगन मोहन रेड्डी के लिए वापसी करना मुश्किल होगा। प्रशांत किशोर ने साल 2019 में जगन मोहन रेड्डी के लिए काम करना जारी रखा। किया था, उस समय उनकी वैरिसी पार्टी ने प्रतिष्ठित देशम पार्टी (टीडीपी) को हरा दिया था, जो अबबीजेपी की सहयोगी है।

भाजपा पिछले कुछ वर्षों से दक्षिण और पूर्वी भारत में अपना विस्तार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ पीरटी के दिग्गज नेता लगातार इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इन राज्यों में नामांकन के कोई बड़े चेहरे नजर नहीं आए हैं। पिछले पांच सालों में मोदी ने तमिलनाडु में राहुल गांधी, सोनिया गांधी या फिर विदेशी नेताओं की तुलना सबसे ज्यादा देखी।

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