यूपीएससी पास करने वाले कैंडिडेट्स का पसंदीदा सब्जेक्ट कौन-सा, लेकिन इन विषयों के उम्मीदवार ज्या
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संघ लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों का पसंदीदा विषय: यूपीएससी की तैयारी में युवा युवाओं के सामने हमेशा मुख्य परीक्षा में विषय के चयन की मुश्किल बनी रहती है। हर अनुयायी का मानना है कि विज्ञान का कोई विषय चुनकर सफलता के झंडे गाड़े या मानविकी के पनरागत विषयों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। इस बार यूपी एसएससी के परामर्श पर गौरव करने से अलग-अलग आवंटन को अपने मुख्य विषय में शामिल करने में मदद मिल सकती है जो इस असमंजस से बाहर नहीं निकल पा रहे।
इस बार हर बार तरह-तरह के मानविकी विषयों जैसे समाजशास्त्र, भूगोलशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान को चित्रित करने वाले विद्वानों की संख्या सबसे अधिक रहती है। हालाँकि यह महत्वपूर्ण है कि कम संख्या में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विषयों को चित्रित करने वालों की सफलता दर मानविकी से अधिक है।
हाल ही में आए यूपीएससी सिविल रिजल्ट एग्जाम 2023 के इंटरव्यू से साफ हो गया है कि समाजशास्त्र को मुख्य विषय के रूप में शामिल करने वालों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। टॉप 20 में से पांच ने समाजशास्त्र को मुख्य विषय के रूप में चुना था। लेकिन अगर बात सफ़लता दर की हो तो इसमें मानवतावाद के विषय में कुछ पिछवाड़े जाते हैं। इस बार में मेडिकल, इंजीनियरिंग, कॉमर्स आदि विषयों को मुख्य विषय के रूप में शामिल किया गया है, जिसमें फोटोग्राफर्स की सफलता की दर 15 प्रतिशत के करीब है, जो ह्यूमैनिटीज के विषयों की तुलना में दो गुना से भी ज्यादा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार जिन 5 सब्जेक्ट में अभ्यर्थी सबसे अधिक अप्लाई करते हैं, उनमें समाजशास्त्र में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का प्रतिशत सबसे अधिक है। डेज 10 पुराने रिकॉर्ड की जाए तो इस सब्जेक्ट के साथ आवेदन करने वाले 8 प्रतिशत से लेकर 11.7 प्रतिशत प्रतियोगी सफल हुए हैं।
वहीं, इसके बाद सबसे पसंदीदा सब्जेक्ट में ज्योग्राफी का नाम आता है और उनके बाद पॉलिटिकल साइंस को फेवरेट विषय बना दिया गया। ज्योग्राफी की बात करें तो गुजरे 10 प्राचीन काल में सबसे ज्यादा छात्र इसी तरह से आए थे। आर्किटेक्चर दर 3.4 प्रतिशत से लेकर 7.3 प्रतिशत तक है। जबकि पॉलिटिकल साइंस की सफलता दर 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच है।
पसंद के हिसाब से किया गया
एथोट के अनुसार साल 2015 तक क्रॉनिकल्स को भी प्रतियोगी काफी पसंद करते थे। अब सफलता का दर 5 साल पहले तक था। इसके अलावा गुजरे में 10 साल में यूपी इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग के छात्र शामिल हो गए। इनमें से करीब 50 प्रतिशत मानव विज्ञान, पॉलिटिकल विज्ञान जैसे ह्यूमैनिटिज सब्जेक्ट्स को वैकल्पिक विषय में शामिल किया जा रहा है। अगर मेडिकल साइंसेज, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, लॉ व कॉमर्स की सफलता दर 15-20 प्रतिशत के मध्य है। वहीं, इन सब्जेक्ट्स के साथ-साथ एग्ज़ाम डिजाईन वाले रेस्ट की तुलना में कम हैं।
आंकड़े क्या कहते हैं?
विषय | 2021 | 2022 | 2023 |
ज्योग्राफी | 1 | ||
समाजशास्त्र | 4 | 2 | 6 |
सार्वजनिक प्रशासन | 1 | ||
मानवविज्ञान | 1 | 5 | 2 |
पॉलिटिकल विज्ञान | 5 | 3 | 3 |
खंड | 1 | 1 | 1 |
ल | 1 | 1 | |
चिकित्सीय विज्ञान | 2 | ||
विद्युत | 1 | 2 | |
गणित | 2 | 1 | 3 |
लिंक्स | 2 | 2 | 1 |
मन | 1 | ||
फ़िज़िक्स | 1 | ||
हिंदी साहित्य | 1 |
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