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नैनीताल की हवा लगातार हो रही प्रदूषित, वैज्ञानिकों की 5 साल तक चली शोध में हुआ खुलासा

नैनीताल समाचार: के हिमालयी क्षेत्र में कांस्टीट्यूशनल विध्वंसक सामाज्य होता जा रहा है। इसी लेकर पांच साल तक चले शोध में बड़ा खुलासा हुआ है। यहां के सीजन पर भी काफी बड़ा असर पड़ रहा है। विषय-वस्तु लेकर व्याज्ञानिको ने स्पष्ट रूप से चिंता व्यक्त की है। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान एडिज, इसरो और दिल्ली विवि के अध्ययन ने इस विषय पर अपने शोध की है। पीडीएफ ये खुलासा हुआ है. पिछले कई प्राचीन काल से 2020 से 2024 तक स्नो का गिरना लगातार काम आ रहा है। यह प्रदूषण का एक कारण भी हो सकता है।

इस शोध में शामिल रही डॉ. प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि हमने यहां पांच साल तक शोध किया है। प्रारूप में हमने पाया कि यहां कार्बन डाइऑक्साइड के कण मिले हैं। ये बिलकुल वैसा ही है. जैसे वैश्विक वैश्विक में पाया जाता है और मात्रा काफी अधिक थी। इसलिए इस शोध में यहां पाया गया कि आबो हवा धीरे-धीरे खराब हो रही है। अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में एडल्ट के सीज़न में इसका असर देखने को मिलेगा।

पांच साल तक की गई डॉक्यूमेंट्री पर शोध

साफा-सुधरी आबोहवा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर प्रसिद्ध पर्यटन शहर अकिंचन की फ़िज़ाओं में लगातार बढ़ते प्रदूषण की चिंता का विषय बना हुआ है। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान एडिज, इसरो और दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडियो ने आदिम के हिमालयी क्षेत्र में करीब 5 प्राचीन काल से लेकर गहनता तक का शोध कार्य किया। जिसमें पाया गया कि यहां के ब्लास्टरियों में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। जिस कारण कई तरह के प्लांटों में देखने को मिल रहा है। जो हिमालय की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है।


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