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Chai Par Sameeksha: चढ़ने लगा सियासी पारा, BJP के तेवर से बैकफुट पर दिख रही कांग्रेस!

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने हमेशा की तरह सियासी मुद्दों पर चर्चा की। देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है। प्रचार जबरदस्त तरीके से हो रही है। ऐसे में माहौल क्या है, यह सभी लोग जानना चाहते हैं। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने नीरज दुबे से प्रचार में दिख रही धार्मिक मुद्दों की धार पर सवाल पूछा। इस पर नीरज दुबे ने कहा कि पहले और दूसरे चरण में कांग्रेस और भाजपा ने अपने प्रचार को घोषणा पत्र पर सीमित कर रखा था। लेकिन जैसे ही दोनों पार्टियों ने देखा की जनता में लोकसभा चुनाव को लेकर उत्सुकता कम दिख रही है, वे मतदान के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में आक्रामक प्रचार की शुरुआत हुई। जाति धर्म को लाया गया।

नीरज दुबे ने बताया कि पहले चरण के प्रचार में हमने देखा कि किसके घोषणा पत्र में क्या है, दूसरे चरण में हमने यह देखा कि किसके घोषणा पत्र में क्या कमियां है, उसको मुद्दा बनाया गया। भाजपा कांग्रेस के आर्थिक सर्वेक्षण को मुद्दा बना रही है। दूसरी ओर कांग्रेस जातीय जनगणना को लेकर आगे बढ़ रही है। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण का मामला अपने मेनिफेस्टो में शामिल करके कांग्रेस ने बड़ी गलती कर दी है और भाजपा को इसे भुनाने का मौका मिल गया है। नीरज दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस तरीके से मंगलसूत्र को लेकर बात कही है, वह सीधे महिलाओं तक पहुंच रहा है। ऐसे में महिला वोटर को भी भाजपा की ओर से साधने की कोशिश की जा रही है।

हालांकि नीरज दुबे ने कहा कि धर्म, राम मंदिर, मंगलसूत्र जैसे मुद्दे जमीन पर काम नहीं कर रहे हैं। जनता महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल पूछ रही है। लेकिन जनता के सामने कोई बड़ा विकल्प नहीं है। इसलिए बीजेपी के लिए परिस्थितयां सहज बनती दिखाई दे रही है। नीरज दुबे ने बताया कि सांसदों को लेकर नाराजगी है। लोग यह कहते हैं बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ है। बावजूद इसके लोगों को लगता है सत्ता में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ही आएंगे। 

हमने सैम पित्रोदा के बयान पर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि सैम पित्रोदा जैसे लोग कांग्रेस के लिए परिस्थितियों को और कठिन बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान को कांग्रेस पूरी तरीके से खारिज भी नहीं कर पा रही है। कांग्रेस उसे निजी विचार बता रही है जो की पार्टी के ऊपर कहीं ना कहीं सवाल उठाते हैं। गांव तक सैम पित्रोदा का संदेश पहुंच रहा है। ऐसे में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। भारत में विरासत एक बड़ी चीज मानी जाती है। इसके भावनात्मक लगाव भी है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से इस तरीके के बयान आना उसके लिए नुकसान कर सकता है। 


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