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Pune Lok Sabha Seat पर Murlidhar Mohol Vs Ravindra Dhangekar की लड़ाई में कौन मारेगा बाजी?

महाराष्ट्र के पुणे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कुल 35 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे। तीसरे चरण के तहत यहां होने वाले चुनाव के लिए सभी उम्मीदवारों ने प्रचार के जरिये जनता तक पहुँचने के लिए दिन-रात एक कर रखा है। यहां भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन और उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए के बीच मुख्य मुकाबला होगा। इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे, बारामती, शिरूर और मावल के महायुति के उम्मीदवारों के समर्थन में पुणे में एक मेगा रैली की थी जिससे महायुति के उम्मीदवारों की जीत की संभावनाएं प्रबल हो गयी हैं। वैसे भी पुणे भाजपा का गढ़ रहा है। एक जमाने में सुरेश कलमाड़ी यहां के कद्दावर नेता माने जाते थे लेकिन कॉमनवेल्थ खेल घोटाला मामले के चलते उनकी राजनीति खत्म हो गयी। महाराष्ट्र में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा का यहां शानदार प्रदर्शन रहता रहा है। भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनावों में यहां से पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस की ओर से रविंद्र धांगेकर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।

पुणे में पिछले दस साल में खासकर महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार के कार्यकाल में काफी विकास हुआ है और इस शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में भी तेजी से काम किये गये हैं। पिछले दस सालों में इस क्षेत्र की सूरत काफी बदल गयी है इस बात को क्षेत्र के मतदाता स्वीकार करते हैं। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अक्सर यहां आना भी इस शहर के तेजी से आगे बढ़ने में सहायक रहा है। हालांकि पिछले साल पुणे विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की हार ने सबको चौंका दिया था लेकिन पार्टी का मानना है कि उस हार के कारण अंदरूनी खामियां थीं और अब पूरी सतर्कता बरती जा रही है। भाजपा का कहना है कि एक विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में हार का जरा भी असर इस संसदीय चुनाव में नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता जानती है कि यह चुनाव देश का प्रधानमंत्री चुनने के लिए हो रहा है।

जब प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा पुणे पहुंची तो हमने पाया कि यहां भाजपा का प्रचार हर ओर दिख रहा है। कुछ जगहों पर हमें कांग्रेस के झंडे भी दिखाई दिये। हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो सभी ने कहा कि यह देश का चुनाव है और हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें। यहां कई लोगों ने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से हमारा बरसों पुराना सपना पूरा हो गया है और हम तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोदी को वोट देंगे। यहां की मध्यम वर्ग जनता से जब हमने यह कहा कि मध्यम वर्ग हमेशा टैक्स समय पर चुकाता है लेकिन इसके बदले में उसे कुछ नहीं मिलता क्या इस बात को लेकर कोई नाराजगी नहीं है तो लोगों ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हम देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि हमें एक बात ध्यान रखनी होगी कि मोदी सरकार ने टैक्स नहीं बढ़ा कर मध्यम वर्ग पर कोई बोझ नहीं डाला है जबकि कर की दरें कुछ कम ही की गयी हैं।

हमने जब महिलाओं से बात की तो सभी ने महिला सुरक्षा के हालात पूरे महाराष्ट्र में बेहतर होने की बात कही। महिलाओं का कहना था कि यदि महंगाई बढ़ रही है तो हमारी आमदनी भी तो बढ़ रही है। महिलाओं ने आगे बढ़कर कहा कि वैश्विक हालात को देखते हुए कई बड़े देशों में महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है जबकि भारत में यह नियंत्रण में है। महिलाओं का कहना था कि मोदी सरकार विकास, विरासत और संस्कृति को जिस तरह एक साथ लेकर आगे बढ़ रही है उससे देश के परिदृश्य में काफी बदलाव आया है।

यहां हमने कुछ ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों तथा ठेला लगाने वालों से बात की तो सभी ने कहा कि हमें कांग्रेस के न्याय पत्र पर नहीं बल्कि मोदी की गारंटी पर विश्वास है। लोगों ने कहा कि कांग्रेस तमाम चीजें फ्री में देने का वादा कर रही है लेकिन हमें कुछ नहीं चाहिए। लोगों ने कहा कि हमने तो फिर भी फ्री में खा लिया लेकिन हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे भी फ्री के सामान पर निर्भर होकर अपना जीवन गुजारें। लोगों का कहना था कि हमारा देश विकसित बनेगा तो हम सभी आगे बढ़ जायेंगे।

हमने कुछ बुजुर्गों से बात की तो वह सब भी मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा कि 70 साल उम्र से ज्यादा के सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने का वादा बहुत अच्छा है और इससे वरिष्ठ नागरिकों को बड़ा लाभ होगा। बुजुर्गों में से एक ने कहा कि मुझसे ठीक से चला नहीं जाता लेकिन मैं मोदी को वोट देने जरूर जाउंगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सोच समझ कर मतदान करने का चुनाव है और देश को यदि आगे बढ़ाना है तो नरेंद्र मोदी को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनाना होगा।

जब हमने युवाओं से बात की और कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर पहली नौकरी पक्की होगी तो उन्होंने कहा कि हमें राहुल गांधी की नौकरी नहीं करनी है। हमें मोदी की स्टार्टअप योजना का लाभ लेकर अपना व्यवसाय खड़ा करना है। 

-नीरज कुमार दुबे


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