मोदी मैजिक के आगे नहीं दिखा राहुल का दम! देखें I.N.D.I.A. गठबंधन ने कहां-कहां नहीं किया काम?
चुनाव के लोकमत सर्वेक्षण का मतदान समाप्त हो गया ही वोट पोल आ गए हैं। अब तक भी एक्वेजिट पोल आ गए हैं, उनमें से एक में भारी बहुमत नजर आ रहा है। वहीं, इंडी एलायंस के दस्तावेज दावे साबित होते दिख रहे हैं। अब सवाल यह है कि दमखम में गठबंधन की कोशिशें और नेता कहां गए? साथ ही, यह भी समझ लीजिए कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की मेहनत राज्यों में कम रह गई?
एबीपी सी-वोटर का एक्वेजिट पोल क्या है?
एबीपी सी-वोटर के एकोलिकिट पोल में बीजेपी और उसके सहयोगी दल की पूर्ण बहुमत बैठक का दावा किया गया है। 375 में से 395 में एक प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया है। वहीं, इंडिया एलायंस को 150 से 165 एट्रिब्यूशन मीटिंग का दावा किया गया है।
वोट शेयर में कैसा रहा इंडिया अलायंस का प्रदर्शन?
इण्डिया अलायंस का डेमोक्रेटिक पोल की ताकत नहीं दिख रही है। जनता ने एक बार फिर कांग्रेस और उसके सहयोगी आश्रम पर भरोसा नहीं किया। वोट शेयर की बात करें तो देश के सबसे बड़े संप्रदाय संप्रदाय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और उसके सहयोगी संप्रदाय का वोट प्रतिशत 36.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसका मतलब यह है कि यूपी में भारतीय जनता पार्टी का दिल पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है। इसके बाद बिहार का रुख किया तो वहां नीतीश कुमार के पलटी मारने के मुद्दे पर कांग्रेस गठबंधन को कोई सफलता नहीं मिली। यहां भी कांग्रेस का वोट शेयर 38.6 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके अलावा कांग्रेस गठबंधन को आंध्र प्रदेश में वोट शेयर 3.3, पश्चिम बंगाल में 13.2 वोट शेयर मीटिंग का अनुमान है। गौर करने वाली बात यह है कि कुछ राज्यों में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ने का दावा किया गया है। इनमें महाराष्ट्र (44%), गोवा (46.1%), हरियाणा (45%), जम्मू-कश्मीर (32.8%) और पंजाब (32.7%) आदि शामिल हैं।
फ़्रैंचाइज़ी के खाते से अंतिम चरण में कांग्रेस गठबंधन?
कुछ राज्यों में कांग्रेस के वोट शेयर पर जबरदस्त नजर आ रही है, लेकिन भारत गठबंधन से रिवार्ड के हिसाब से ज्यादा फायदा नहीं दिख रहा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सहयोगी चर्च ने 2019 के दौरान 15 प्रतिभागियों की घोषणा की, जो 2024 के नामांकन पोल में 17 नामांकन पर नजर आ रही है। बिहार में इंडी एलायंस की पांच कंपनियों पर नजर है। मोदी के गढ़ गुजरात में भी भारत गठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक माना जा रहा है। गठबंधन की झोली में यहां सिर्फ एक सीट पर नजर आ रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस और उसके सहयोगी आश्रमों को सिर्फ 3 समुदाय शामिल कर रहे हैं।
उत्तर पूर्व में कैसा हो सकता है हाल?
उत्तर प्रदेश असम, अरुणाचल प्रदेश, बौद्ध मठ, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और संघ में भी भारत गठबंधन का हाल ही में अच्छा प्रदर्शन नहीं हो रहा है। असम में 4 सीटें, सिक्किम में एक सीट, मेघालय में एक सीट, नागालैंड में एक मिल सीट रही हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, डिवीजन और त्रिपुरा में भी भारत गठबंधन का खाता नहीं खुल रहा है।
दक्षिण में ऐसा रहा भारत गठबंधन
दक्षिण भारत के राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में भारत गठबंधन का प्रदर्शन ख़त्म हो रहा है। यहां उनके खाते में कोई भी सामान नहीं होने का दावा किया गया है। हालांकि, तमिल में 39 मंजिल, केरल में 19 मंजिल, तेलंगाना में 9 मंजिल और 5 मंजिल में भारत गठबंधन की झोली में नजर आ रही हैं।
पश्चिम भारत में कैसी रही बाजी?
पश्चिम भारत की बात करें तो महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की झोली में 25 लोगों के शामिल होने का दावा किया गया है। वहीं, गोवा और गुजरात में गठबंधन को एक-एक सीट मिल सकती है, जबकि दादरा नगर हवेली और दमन दिवा में गठबंधन की झोली खाली रह सकती है।
पूर्वी भारत में दिखा सिर्फ इतना दम
पूर्वी भारत के राज्यों में भी कांग्रेस गठबंधन की स्थिति मजबूत नहीं दिख रही है। पश्चिम बंगाल में गठबंधन को 3 मंदिर, ओडिशा में 2 मंदिर, बिहार में 5 मंदिर और झारखंड में 3 मंदिर दर्शन आ रहे हैं।
उत्तर भारत में भी बुरा हाल
उत्तर भारत की बात करें तो कांग्रेस गठबंधन को जम्मू-कश्मीर में 2, पंजाब में 8, हरियाणा में 6, राजस्थान में 4 और उत्तर प्रदेश में 17 ज्वालामुखी शामिल दिख रहे हैं। अहम बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस की झोली में सिर्फ एक सीट नजर आ रही है।
(एबीपी सी वोटर एलेक्टिट पोल सर्वे 19 अप्रैल से 1 जून 2024 के बीच हुआ है। इसका आकार 4 लाख 31 हजार 182 है और इस सर्वे में सभी 543 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 4129 सदस्य शामिल हैं। सर्वेक्षण का राज्य स्तर पर एरर + और -3 प्रतिशत और क्षेत्रीय स्तर पर + और -5 प्रतिशत है।)
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