‘PoK से बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की सरकार चलाएगी मिलिट्री ऑपरेशन…,’ चीन की धमकी का असर
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पाकिस्तान सरकार का लॉन्च ऑपरेशन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने देश में बढ़ती बगावत और ज्वालामुखी को खत्म करने के लिए मिशन ऑपरेशन का फैसला किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री शहबाज सरफराज की राजधानी में नेशनल एक्शन प्लान की कमेटी ने ‘ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम’ को मंजूरी दे दी है। इस ऑपरेशन का मकसद पाकिस्तान में बढ़ते ट्रैक्टरों को खत्म करना है। हालाँकि, पाकिस्तान सरकार ने ये फैसला चीन को खतरे में डालने के बाद लिया है।
असल में, ये अभियान गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के साथ ही पाकिस्तान के सभी राज्यों में दखल देगा। हालाँकि, पाकिस्तान की पूर्व पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समेत अन्य ऑर्कीन्मेटिव ऑर्किड ने इसका कड़ा विरोध किया है। सभी यूनिवर्सल का कहना है कि इस ऑपरेशन के लिए संसद से कोई सलाह नहीं ली गई है।
जानिए क्या है सैन्य ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम?
पाकिस्तान के मीडिया जनसंपर्क ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहाकाम का मकसद देश में बढ़त बनाए रखना चरमपंथ और आतंकवाद को खत्म करना है। सैन्य बलों का यह ऑपरेशन सभी कानूनी शैक्षणिक के साथ आगे बढ़ता है। इसमें उग्रवादियों से जुड़े मामलों में उग्रवादी वली कानूनी कश्मीर को दूर करने के लिए कानून बनाए रखा जाएगा। ये उग्रवादियों की लड़ाई पाकिस्तान के खिलाफ़ अपनी जंग है। पाकिस्तान के किसी भी राज्य के अधिकार को चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चीन के दबाव में लिया गया निर्णय
हमलावर लगातार पाकिस्तान में चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सीपैक को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस साल मार्च महीने में 2 आतंकी हमले हुए थे. इस हमले को अंजाम देने का काम बलूच लिबरेशन आर्मी ने किया। इस संगठन ने ग्वादर पोर्ट पोर्ट्रेट ग्रुप में आतंकवादियों की कोशिश और खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले में चीनी साहिल के काफिले को 5 चीनी जनरलों को जान ले ली थी।
पिछले दिनों चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के राजनीतिक धर्मगुरुओं के नेताओं के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने पाकिस्तान सरकार को पीछे छोड़ दिया था, हालांकि इसके बाद चीनी राजनेता ने पाकिस्तान की सेना के प्रमुख आसिम मुनीर से अलग मुलाकात की थी. इसके बाद ही पाकिस्तान सरकार ने खिलाफत के अभियान को मंजूरी दे दी।
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