स्वास्थ्य

मानसून में शरीर पर अटैक कर सकती हैं ये बीमारियां, जानें क्या करें, क्या नहीं

मानसून रोग : बारिश का मौसम आते ही गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन कई तरह के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। पानी जमा होने से और जगह-जगह पर गंदगी फैलाने वाले किसानों से पानी जमा होने का मौका मिलता है। इससे कई बीमारियां (बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियाँ) शरीर पर हमला कर सकती हैं। इसलिए इन बातों का ध्यान रखें, स्वास्थ्य ठीक हो सकता है। यहां जानिए किस बोली का खतरा सबसे ज्यादा रहता है…

1. गैस्ट्रोएंटरइलेक्ट्रिसिटी
बारिश के मौसम की सबसे आम बीमारी है गैस्ट्रोएंटर एंटरप्राइजेज। यह बीमारी खराब-पानी से होती है.. इसमें पेट में दर्द, पेट में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी जैसी परेशानियां शामिल हैं। अचानक दस्त लगना, बार-बार पानी जैसा आना, और बुखार के साथ आना, दांतों के संक्रमण का साफ होना। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी शरीर में पानी की कमी, इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी और गंभीर मामलों में किडनी फेल होने का कारण बन सकती है।

2. रचना
नेशनल नेशनल बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के मुताबिक, भारत में साल 2021 में 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। भारत में वर्षा के मौसम में संरचना के मामले बढ़ जाते हैं। इसके दस्तावेज़ों में हल्का बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर चकत्ते पड़ना शामिल हैं।

विभिन्न गंभीर मामलों में खण्डित खण्डली बुखार (डीएचएफ) में परिवर्तन हो सकता है, जिससे गंभीर ब्लीडिंग, अंग की कमजोरी और गंभीर रूप से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। खासकर बच्चों और प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में इसका सबसे बुरा असर देखने को मिलता है।

3. मलेरिया
भारत के कई विचारधाराओं में बारिश के दौरान मलेरिया की बीमारी फैलती है। इसके इंजेक्शन में बार-बार तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द, जी मिचलाना और मसाले में दर्द शामिल हैं। अचानक बुखार का विस्फोट और फ्लू जैसे लक्षण, बारंबार कंपनी के साथ ठंड लगना, मलेरिया संक्रमण का संकेत है। अगर मलेरियल का इलाज ठीक समय पर न किया जाए तो यह गंभीर रूप से खराब हो सकता है, सांस लेने में परेशानी हो सकती है, फिर सेरेब्रल मलेरिया का इलाज हो सकता है, जिससे मरीज कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।

4. हेजा
बारिश में हैजा का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके कारण अचानक से दस्त, उल्टी और गंभीर एलर्जी हो जाती है। धंसी हुई फिल्में, मुंह सूखना, और पेशाब का कम आना हैजा के चेतावनी संकेत हैं। कठिनाइयाँ तेजी से बढ़ सकती हैं, जिससे शॉक, इलेक्ट्रोलाइट प्रभावित और गंभीर मामलों में अगर इलाज न किया जाए तो चौगुनी मात्रा में मृत्यु हो सकती है।

इन चुनौतियों में भी खतरा
5. टाइऑपरेटर
6. इन्फ्लूएंजा
7. लेप्टोस्पायरोसिस

अस्वीकरण: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया पर आधारित है। आप भी अमल में आने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

नीचे स्वास्थ्य उपकरण देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें

आयु कैलकुलेटर के माध्यम से आयु की गणना करें


Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *