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ट्रेनी IAS अफसर को भारी पड़ी ऑडी में लाल बत्ती से लेकर प्राइवेट चेंबर की डिमांड, हो गया तबादला

आईएएस पूजा खेडकर: महाराष्ट्र की ट्रेनी तकनीशियन पूजा खेदकर की यात्रा बहुत महंगी पड़ी। इसका अस्तित्व उनका स्थापन हो गया है। सामानों की दुकान पूजा खेदकर का कोना पुणे से वाशिम कर दिया गया है। पूजा खेदकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने रसूख का उपयोग करके नंबर प्लेट को लाइसेंस दिया था। साथ ही अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर लाल लिपस्टिक भी लगाई थी। इतना ही नहीं पुणे कलेक्टर का प्राइवेट चैंबर भी छीन लिया गया था।

उन पर आरोप है कि पुणे के अपर रजिस्ट्रार अजय मोरे 18 से 20 जून के बीच सरकारी काम को लेकर मुंबई गए थे। इस दौरान पूजा खेदकर ने अजय मोर को कमरे के सामने टेबल, कुर्सी और आसन हटवा दिया। पूजा खेदकर ने न केवल फर्नीचर हटवाया, बल्कि उस कमरे पर भी कब्जा कर लिया और उसके लिए टेबल कुर्सी और फर्नीचर की भी व्यवस्था कर ली।

‘मेरी बेइज्जती होगी…’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की शिकायत अपर रजिस्ट्रार अजय मोरे ने कलेक्टर सुहास दिवस से की है. इसके बाद उन्होंने पूजा खेडकर से फर्नीचर और अन्य सामान बाहर निकलवाया। इसके बाद पूजा ने कलेक्टर को मैसेज भेजा कि अगर तुम ऐसा करोगे तो मेरी बेइज्जती होगी।

अशक्तता का फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र भी

पूजा खेडकर ऑडी कार में अति जाती थी। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के बोर्ड में अपनी निजी कार लगवाई। आरोप है कि कथित तौर पर प्रमाणित प्रमाण पत्र पर उन्होंने अपनी विकलांगता का फर्जी पत्र भी लगाया। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अटपटी मांगी की, जिसमें गाड़ी की मंजिलें, इंडस्ट्रियल नंबर प्लेट की मांग, लॉटरी चैंबर, स्टाफ और कॉन्स्टेबल की भी मांग की।

बेटी की डिजायन के लिए पिता ने भी बनाई दवा

पूजा ने रेवेन्यू मार्केट को ये निर्देश दिए कि वह लेटर हेड्स, मार्केट कार्ड, पेपर वेट, नेम प्लेट, रॉयल सील और इंटरकॉम पर भी उनके नाम बताएं। यह भी आरोप है कि पूजा के पिता जो खुद एक डेस्टिनेशन रेस्टॉरेंट हैं, उन्होंने जिला जज ऑफिस पर भी दबाव बनाया कि वह अपनी बेटी की डीटेल्स पूरी कर लें। पूजा खेडकर मसूरी से ट्रेनिंग के बाद पूनें में अपर असिस्टेंट इंजीनियर बनीं। वहां पर वह डेमोक्रेट पद की ट्रेनिंग के लिए गए। अब प्रशिक्षण पूरी तरह से पहले ही मध्य महाराष्ट्र के वाशिम जिले में उनका हो गया है।

पूजा खेदकर कौन है?

पूजा खेदकर ने 2021 में यूपीएससी के परीक्षा पास की और 821वीं रैंक पाई। पूजा खेदकर ने खुद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, लोक याचिका और पेंशन मंत्रालय की फाइल दस्तावेजों की मांग की थी। पूजा खेडकर ने तर्क दिया था कि दलित समूहों को एससीएटी और एसटी स्केलेज की तुलना में बड़े पैमाने पर अध्ययन का सामना करना पड़ता है और एक समान लाभ मिलना चाहिए। यूपी एसएससी कम्युनिकेशन में 2 फरवरी 2022 में पूजा खेदकर को अपॉइंटमेंट से मना कर दिया गया था।

खुद को बताया मानसिक रूप से विनाश

इसके बाद पूजा ने कोर्ट में हलफनामा जारी किया। उन्होंने खुद को दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से विनाश के बारे में बताया। इसी आधार पर पूजा ने यूपी एससी के फैसले के खिलाफ मांग की मांग की थी। इसके बाद 2023 की सुनवाई में जस्टिस एमजी शेवालीकर की पीठ ने विकलांगता अधिकार अधिनियम 2016 के तहत हलफनामा पेश किया। अब 1 साल बाद यह कहानी सामने आई है कि खेदकर का पोस्टर वाशिम कर दिया गया है।

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