क्या होती है स्लीप एपनिया की बीमारी, ऐसी खतरनाक हरकतें करने लगते हैं लोग
स्लीप एपनिया नींद से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में कई बार नींद टूटती है। कई बार तो सांस तक रुकना संभव है, इंसान रात भर करवटें मजबूत रहता है। एक आंकड़े के मुताबिक, देश में 13% आबादी ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित है। इनमें पुरुषों का आंकड़ा 19.7% और महिलाओं का 7.4% है।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्लीप एपनिया (स्लीप एपनिया) में एक घंटे में 30 या उससे अधिक समय तक सांस का रुकना या करवटें बदलना जैसी समस्या हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें नींद से जुड़े कई लक्षण हो सकते हैं। आइए जानते हैं स्लीप एपनिया किस तरह के शरीर पर प्रभाव डालता है।
इस स्लीप डिसऑर्डर में पीठ के बल लेटने से गले की मुक्त मांसपेशियां होती हैं, जो गले के पिछले हिस्सों में फैलती हैं। नींद में सांस लेने वाले रास्ते के बीच-समुद्रतट खान-पान में शामिल हैं, जिसके कारण हवा में अंतर हो सकता है। जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
दिमाग की इस कमी को सिर्फ 10 ही दिन में पूरा किया जा सकता है। ऐसी कंडीशन में नींद टूट जाती है। बार-बार नींद आने की स्थिति में स्लीप एपनिया होता है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का सबसे अच्छा इलाज CPAP थेरेपी से होता है। इसकी मदद से सांस लेने वाले मार्ग को खुला रखने के लिए एयर परमिट का उपयोग होता है। यह काफी सस्ता और किफायती माना जाता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी का इस्तेमाल होता है, लेकिन यह काफी महंगा होता है, इसमें कुछ जोखिम भी हो सकते हैं।
प्रकाशित: 18 जुलाई 2024 08:27 अपराह्न (IST)
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