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Chandrayaan-3 और Aditya-L1 की एनिवर्सरी पर मिलेगी नई खुशखबरी, ISRO के साथ NASA लॉन्च करेगा मिशन

आईएसएस मिशन: भारत ने पिछले साल जुलाई और अगस्त महीने के दौरान अपने अंतरिक्ष मिशनों में काफी बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। भारत ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था, जो 23 अगस्त 2023 को शाम करीब 6 बजे चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर भूमि बनाने वाला दुनिया का पहला उपग्रह बना था।

चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 की सालगिरह

इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सूर्य के बारे में और अधिक वैज्ञानिकों को प्राप्त करने के लिए घोषणा की आदित्य-एल1 नाम का एक मिशन नया 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था, जो 6 जनवरी 2024 को उस स्थान तक पहुंच गया था, जहां उसे सूर्य की खोज को करीब से देखना था।

आकलन, कुल मिलाकर पिछला यानि 2023 के जुलाई और अगस्त महीने के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए काफी खस्ता रहा। अब इसरो ने अपनी इन ऑफर की एनिवर्सरी से पहले एक नए न्यूज प्लान का फैसला लिया है। दरअसल, इसरो इस दौरान नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन मिशन यानी नासा के साथ मिलकर एक नया मिशन शुरू करने वाला है।

इसरो में नासा के साथ नए मिशन की तैयारी

दरअसल, इस मिशन के तहत इसरो की दो टीमें अमेरिका के अंतरिक्ष एंजेसी यानी नासा अंतरिक्ष में स्थित हैं। इसरो ने इसके बारे में जानकारी दी है कि इस मिशन के लिए भारत के दो एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग अमेरिका के टेक्सास में स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में शुरू की जा रही है।

आपको बता दें कि इस मिशन के लिए भारत और अमेरिका के बीच पिछले साल जून 2023 में ही डिल हुई थी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे. उस अमेरिकी दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो राष्ट्रपति ने मोदी से एक भारतीय एंस्ट्रोनॉट को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यानी आईएसएस के महानिदेशक को कहा था।

यह भारत के इसरो और अमेरिका के नासा का एक साझा मिशन होगा। इस मिशन में रूस की राजधानी मास्को के यूरी गागरियन कॉमोनॉट प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण ले लिए गए दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स में से कोई एक इसरो और नासा के इस आम मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाएगा। इसके लिए इन दोनों भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ट्रेनिंग होगी।

अक्टूबर 2024 में मिशन लॉन्च होने की उम्मीद है

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक नासा के ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स के ट्रेनिंग अगस्त की शुरुआत होने वाली है और यह मिशन अक्टूबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। इसरो के पूर्व राष्ट्रपति के.सिवन का कहना है कि नई तकनीक के साथ-साथ भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए यह मिशन काफी महत्वपूर्ण होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो द्वारा गगनयान मिशन का आयोजन किया गया है। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यात्रा मिशन है। इस मिशन के तहत भारत के तीन रथ क्रू को तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया। इस मिशन का उद्देश्य भारत की अंतरिक्ष यातायात क्षमता को बढ़ाना है। निर्देश के अनुसार गगनयान मिशन के तहत एक ऐसे अंतरिक्ष यान का निर्माण किया गया, जो कुछ अंतरिक्ष यात्रियों को करीब एक सप्ताह तक अंतरिक्ष में लेकर आया और उसके बाद सही सलामत धरती पर वापस आ सका।

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