स्वास्थ्य

Digital Eye Strain से जानें कैसे बढ़ता है तनाव, आप इससे हो सकते हैं डिप्रेशन के शिकार


<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">आजकल हम में से ज्यादातर लोग कंप्यूटर, तकनीक और टैबलेट पर बहुत समय बिताते हैं। इसका कारण हमारी आंखों पर बहुत जोर पड़ता है और यह समस्या डिजिटल आई स्ट्रेन कहलाती है। डिजिटल आई स्ट्रेन केवल आंखों को ही नहीं, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इससे तनाव और अवसाद का खतरा बढ़ रहा है। आइये जानते हैं डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है?
डिजिटल आई स्ट्रेन तब होता है जब हम लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करते हैं या उसे देखते हैं। इससे हमारे थक जाते हैं, दर्द होने लगता है और देखने में परेशानी होती है। यह समस्या अब बहुत आम हो गई है क्योंकि हमारे जीवन का बड़ा हिस्सा डिजिटल उपकरण पर प्रतिबंध लग गया है। 

डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण

  • आंखों में दर्द: लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने से आंखों में दर्द और जलन होती है।
  • आंखों में दर्द:स्थिरता स्क्रीन पर देखने से कभी-कभी वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
  • सिरदर्द: आंखों पर तेज दर्द होने से सिरदर्द भी हो सकता है।
  • सूखे सिक्के: कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन को देखने के दौरान पलकें कम झपकती हैं, जिससे टुकड़े सूख जाते हैं।
  • कंधे और गर्दन में दर्द: गलत मुद्रा में गिरना स्क्रीन पर देखने से कंधे और गर्दन में दर्द होने लगता है। 

डिजिटल आई स्ट्रेन से होने वाला तनाव और अवसाद
डिजिटल आई स्ट्रेन से होने वाला शारीरिक दर्द मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित कर सकता है। लगातार आंखों में दर्द और सिरदर्द के कारण आपको चिड़चिड़ेपन और तनाव महसूस हो सकता है। लंबे समय तक इस तरह का तनाव अवसाद का कारण बन सकता है। जब आप ठीक से काम नहीं कर पाते या आराम नहीं कर पाते, तो इससे मानसिक दबाव बढ़ जाता है और आपकी काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। 

डिजिटल आई स्ट्रेन से बचने के उपाय

  • 20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। इसे देखना आरामदायक है।
  • आंखों को झपकाएं: स्क्रीन को समय-समय पर अपनी आंखों को बार-बार झपकाएं, ताकि वे आंखें नहीं।
  • सही दूरी पर बैठें: स्क्रीन और आंखों के बीच की दूरी। कंप्यूटर स्क्रीन से कम से कम 25 इंच की दूरी।
  • ब्रेक लें: लंबे समय तक लगातार स्क्रीन देखने से इनकार। बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें।
  • रोशनी का ध्यान रखें: कमरे में सही रोशनी रखें, ताकि स्क्रीन की चमक पर ज्यादा जोर न पड़े।
  • सही मुद्रा में बैठें: कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते हुए सही मुद्रा में बैठें. गर्दन और कंधे को सीधा रखें।
  • ब्लू लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें: स्क्रीन से लॉन्च वाली ब्लू लाइट को कम करने के लिए ब्लू लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें। 

अस्वीकरण: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया सिद्धांत पर आधारित है. आप किसी भी तरह की सलाह अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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