प्रशांत महासागर में अमेरिका ने उड़ाई चीन की नींद, 39 हजार टन वजनी जहाज को इस बम से डुबोया
क्विकसिंक बम: प्रशांत महासागर के द्वीपों के हवाई अड्डे के पास अमेरिका और उसके सहयोगियों ने दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास किया है। ‘रिम ऑफ द पैसिफिक 2024’ नाम के इस सैन्य अभ्यास का धमाका प्रशांत महासागर के इस पार एशिया तक है। जुलाई महीने की शुरुआत में इस सैन्य अभ्यास में पहली बार अमेरिकी वायु सेना का बी-2 बमवर्षक विमान भी शामिल हुआ। इस विमान ने लंबी दूरी तक एक सतही जहाज को नष्ट करने का अभ्यास किया। अभ्यास के दौरान बी-2 बॉम्बर ने कम कीमत वाले गाइडेड बम की मदद से 39 हजार टन वजनी जहाज को नष्ट करने में सफलता हासिल की। विशेषज्ञ ने भविष्य में होने वाले चीन और अमेरिका के बीच किसी भी संघर्ष में यह बहुत महत्वपूर्ण बताया है।
अमेरिकी वायु सेना ने इस बम को क्विकसिक नाम दिया है, जिसे कोई भी जहाज को पानी में तुरंत डुबो सकता है। इस बम का परीक्षण 19 जुलाई को हुआ, जब बी-2 बॉम्बर ने यीएसएस तरावा को अभ्यास के दौरान प्रशांत महासागर में डुबो दिया। तरावा अमेरिकी नौसेना का 820 फीट वजनी और 39 हजार टन वजनी समुद्री जहाज था। यह एक छोटा विमानवाहक पोत के आकार का था. इस परीक्षण से यह साबित हुआ कि अमेरिका के बी-2 स्टील्थ बॉम्बर की मदद से 25 हजार से अधिक टन वजनी जहाज को भी एक ही हमले में डुबाया जा सकता है। इस अभ्यास का नेतृत्व करने वाले अमेरिकी नौसेना के तीसरे बेड़े ने प्रेस विज्ञप्ति का विवरण दिया है। इसमें बताया गया है कि इस बोर्ड बम की मदद से किसी समुद्री खतरे को टाला जा सकता है।
तारपीडो के बराबर क्विकसिक की ताकत
असल, बी-2 स्टील्थ बॉम्बर अमेरिकी वायु सेना का सबसे आधुनिक विमान है। अमेरिकी वायु सेना के मुताबिक, इसकी सुरक्षा विशेषताएं काफी गुप्त हैं। यह काफी हद तक हवाई जहाज़ में उड़ सकता है, यह विमान खुद को रेडियो की पहुंच से दूर तक बनाए रखने में सक्षम है। बी-2 विमान के सेंसर युद्ध के मैदान की काफी पाइपलाइन से चित्र ले सकते हैं। अमेरिकी वायु सेना के अनुसार इस विमान में 2 हजार पाउंड के बमों को शामिल कर पनडुब्बी से लॉन्च किए जाने वाले तारपीडो के बराबर क्षमता दी जा सकती है।
चीन में भी नौकरी करने वालों को मजबूर किया गया
विश्वलेखों का मानना है कि क्विकसिक बम पनडुब्बी और तारपीडो से काफी मात्रा में हैं और एक पनडुब्बी से अधिक क्षेत्र को कवर करते हैं। इस बम की मदद से समुद्री बम का त्वरित पता लगाया जा सकता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने क्विकसिंक बम का पहली बार साल 2022 में परीक्षण किया था, इस दौरान मैक्सिको की खाड़ी में सतही लक्ष्य को नष्ट किया गया था। विशेषज्ञ का दावा है कि अमेरिका के क्विकसिंक बम की ताकत से चीन ने भी एक बार प्रशांत महासागर में गुस्ताखी करने से पहले विचार के लिए मजबूर किया।
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