‘साफ है कि ध्रुवीकरण…’, CAA को लेकर कांग्रेस का सरकार पर बड़ा हमला
जयराम रमेश ने सरकार पर साधा निशाना: इस साल होने वाले नोमा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर राजनीति एक बार फिर गरम हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के बाद अब कांग्रेस ने लोकतंत्र कानून को लेकर सरकार पर अमल किया है। कांग्रेस नेता राकेश राकेश ने कहा कि अलगाव का उद्देश्य चुनाव से पहले लोकतंत्र का ध्रुवीकरण करना था।
नेता कांग्रेस ने एक्स पर कहा, “मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में संसद में संसदीय शिक्षा संशोधन अधिनियम को पारित किया था। संसदीय संसदीय कानून के अनुसार छह महीने में लागू होने वाले नियम होने चाहिए थे, लेकिन इसके लिए नौ उपदेशक संशोधन अधिनियम लागू होने चाहिए थे।” ”और पढ़ें।”
‘ध्रुवीकरण का हथियार’
उन्होंने बताया, “अब हमें सूचित किया गया है कि ध्रुवीकरण को सबसे पहले वोट देना एक हथियार था।”
मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में संसद में विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम को रद्द कर दिया। कानून को लागू करने के नियम संसदीय प्रक्रियाओं के अनुसार छह महीने के भीतर लागू होने चाहिए थे। लेकिन नौ एक्सटेंशन मांगे गए और दिए गए।
अब हम कर रहे हैं…
-जयराम रमेश (@जयराम_रमेश) 3 जनवरी 2024
ओझा ने कहा, संविधान विरोधी
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओसामी ने इसे संविधान संशोधन अधिनियम का विरोधी बताया और कहा कि यह कानून का उल्लंघन है। इतना ही नहीं यह धर्म का आधार बनाया गया है।
निजीकरण की नियमावली जारी कंपनी
सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया था कि बुनियादी नियम चुनाव से पहले विशेष कर नीचे जाएँ। इसके अलावा सरकार से संबंधित नियमावली भी जल्द जारी होगी। एक बार जैसे ही नियमावली जारी होगी, कानून लागू किया जाएगा।
गैर मुस्लिमों को मिलेंगे भारत की नागरिकता
समुदाय के लागू होने की तिथि 31 दिसंबर 2014 से ही भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता हासिल करने के लिए भारत आए सिख, ईसाई, हिंदू, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोग ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं।
सिचुएशन लेने के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को बताना होगा कि वह भारत कब आएंगे। इसके लिए पासपोर्ट या अन्य किसी दस्तावेज की भी आवश्यकता नहीं होगी।