कर्णवेध संस्कार साल 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? नोट करें डेट, शुभ मुहूर्त
कर्णवेध संस्कार मुहूर्त 2024: हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में नौवां संस्कार है कर्णवेध संस्कार। इसे कान छेदन संस्कार भी कहते हैं। वैसे भी कान छिदवाना एक फैशन के रूप में देखा जाता है लेकिन इन शास्त्रों के अनुसार कान छेदने से बच्चे की सुनने की क्षमता का विकास होता है और स्वास्थ्य लाभ होता है। यह धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक तथ्य भी है। कर्णवेध संस्कार 2024 में कब-कब किया जाएगा, जानें तिथि और शुभ।
फरवरी 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 1 फरवरी 2024 – प्रातः 07.41 – प्रातः 08.23
- 10 फरवरी 2024 – प्रातः 07:35 – प्रातः 07:48
- 14 फरवरी 2024 – दोपहर 01.55 – शाम 06.30 बजे तक
- 15 फरवरी 2024 – प्रातः 07.31 – प्रातः 10.21
- 18 फरवरी 2024 – दोपहर 03.54 – शाम 06.15
- 19 फरवरी 2024 – प्रातः 07.28 – प्रातः 08.40
- 21 फरवरी 2024 – प्रातः 07:26 – प्रातः 09:57
- 22 फरवरी 2024 – प्रातः 07:25 – प्रातः 09:53
- 29 फरवरी 2024 – प्रातः 07.18 – प्रातः 08.01
मार्च 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 3 मार्च 2024 – प्रातः 07.15 – प्रातः 09.14
- 7 मार्च 2024 – दोपहर 02.44 – शाम 07.21
- 8 मार्च 2024 – प्रातः 07.29 – दोपहर 12.25
- 25 मार्च 2024 – दोपहर 01.33 – शाम 06.10
- 27 मार्च 2024 – प्रातः 07.40 – प्रातः 01.25
- 30 मार्च 2024 – प्रातः 09.03 – प्रातः 03.34
अप्रैल 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 4 अप्रैल 2024 – प्रातः 05.31 – सायं 07.47
- 5 अप्रैल 2024 – सुबह 07.42 – दोपहर 12.50
- 13 अप्रैल 2024 – प्रातः 06.33 – प्रातः 10.04
- 15 अप्रैल 2024 – प्रातः 06.26 – दोपहर 12.10
- 26 अप्रैल 2024 – प्रातः 07.17 – दोपहर 01.47
मई 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 1 मई 2024 – प्रातः 06.57 – प्रातः 08.53
- 6 मई 2024 – प्रातः 06.38 – प्रातः 08
- 10 मई 2024 – दोपहर 12.52 – शाम 07.26
- 12 मई 2024 – दोपहर 12.44 – शाम 07.38
- 13 मई 2024 – प्रातः 06.10 – दोपहर 12.41
- 19 मई 2024 – दोपहर 02.34 – शाम 04.51
- 20 मई 2024 – प्रातः 09.53 – सायं 04.47
- 23 मई 2024 – दोपहर 02.19 – शाम 06.54
- 24 मई 2024 – प्रातः 07.22 – प्रातः 11.57
- 29 मई 2024 – प्रातः 09.17 – प्रातः 06.11
- 30 मई 2024 – प्रातः 06.59 – प्रातः 09.13
जून 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 2 जून 2024 – प्रातः 06.47 – प्रातः 11.22
- 3 जून 2024 – प्रातः 07.30 – प्रातः 01.35
- 7 जून 2024 – प्रातः 11.02 – सायं 07.55
- 9 जून 2024 – प्रातः 06.19 – प्रातः 08.34
- 10 जून 2024 – शाम 05.44 – रात 08.02
- 16 जून 2024 – प्रातः 08.07 – प्रातः 03
- 17 जून 2024 – प्रातः 05.54 – प्रातः 08.03
- 20 जून 2024 – प्रातः 05.55 – प्रातः 10.11
- 26 जून 2024 – प्रातः 09.48 – प्रातः 02.21
- 29 जून 2024 – सुबह 11.53 – शाम 06.29
- 30 जून 2024 -दोपहर 02.05 – शाम 06.44
जुलाई 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 6 जुलाई 2024 – प्रातः 09.08 – सायं 04.01
- 7 जुलाई 2024 – प्रातः 06.44 – प्रातः 09.04
- 12 जुलाई 2024 – शाम 05.56 – शाम 07.28
- 13 जुलाई 2024 – प्रातः 06.20 – दोपहर 01.14
- 14 जुलाई 2024 – प्रातः 06.44 – प्रातः 03.30
- 17 जुलाई 2024 – प्रातः 07.33 – प्रातः 08.25
- 22 जुलाई 2024 – प्रातः 06.08 – दोपहर 12.39
- 27 जुलाई 2024 – दोपहर 12.19 – शाम 07.01
- 28 जुलाई 2024 – प्रातः 07:42 – प्रातः 09:59
- 31 जुलाई 2024 – दोपहर 02.23 – शाम 06.46
अगस्त 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 1 अगस्त 2024 – प्रातः 07.26 – दोपहर 12
- 2 अगस्त 2024 – प्रातः 11.56 – दोपहर 02.15
- 9 अगस्त 2024 – प्रातः 06.55 – प्रातः 11.28
- 10 अगस्त 2024 – दोपहर 01.44 – शाम 06.06
- 14 अगस्त 2024 – प्रातः 11.09 – दोपहर 01.28
- 19 अगस्त 2024 – दोपहर 03.27 – शाम 07.13
- 23 अगस्त 2024 – शाम 05.15 – शाम 06.57
- 24 अगस्त 2024 – प्रातः 06.38 – प्रातः 08.13
- 28 अगस्त 2024 – प्रातः 06.28 – दोपहर 12.33
- 30 अगस्त 2024 – प्रातः 06.29 – प्रातः 02.44
- 31 अगस्त 2024 – प्रातः 07.45 – प्रातः 02.40
सितम्बर 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 5 सितंबर 2024 – सुबह 07:26 – सुबह 09:42
- 6 सितम्बर 2024 – प्रातः 07:22 – प्रातः 09:38
- 15 सितम्बर 2024 – प्रातः 06.46 – प्रातः 09.03
- 16 सितम्बर 2024 – प्रातः 06.42 – प्रातः 11.18
अक्टूबर 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 3 अक्टूबर 2024 – प्रातः 06.46 – प्रातः 07.52
- 4 अक्टूबर 2024 – प्रातः 06.47 – प्रातः 10.08
- 7 अक्टूबर 2024 – दोपहर 02.18 – शाम 06.53
- 12 अक्टूबर 2024 – सुबह 11.55 – दोपहर 05.41
- 13 अक्टूबर 2024 – प्रातः 09.32 – प्रातः 03.37
- 17 अक्टूबर 2024 – प्रातः 07.18 – प्रातः 11.35
- 18 अक्टूबर 2024 – प्रातः 06.55 – प्रातः 01.35
- 21 अक्टूबर 2024 – प्रातः 09.01- प्रातः 03.05
- 23 अक्टूबर 2024 – दोपहर 02.58 – शाम 04.25
- 24 अक्टूबर 2024 – प्रातः 06.59 – प्रातः 11.07
- 30 अक्टूबर 2024 – प्रातः 08.25 – प्रातः 02.30
नवंबर 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 3 नवंबर 2024 – प्रातः 07.06 – प्रातः 10.28
- 4 नवंबर 2024 – सुबह 07.7 – सुबह 10.24
- 8 नवंबर 2024 – दोपहर 03.22 – शाम 06.22
- 9 नवंबर 2024 – दोपहर 12.09 – दोपहर 01.51
- 13 नवंबर 2024 – प्रातः 07.30 – प्रातः 09.49
- 14 नवंबर 2024 – प्रातः 07.26 – प्रातः 11.49
- 20 नवंबर 2024 – सुबह 11.25 – शाम 04
- 21 नवंबर 2024 – प्रातः 07.20 – प्रातः 09.17
- 27 नवंबर 2024 – सुबह 07.25 – दोपहर 12.40
दिसंबर 2024 कर्णवेध संस्कार संस्कार
- 1 दिसंबर 2024 – दोपहर 12.24 – दोपहर 03.17
- 6 दिसंबर 2024 – सुबह 07.32 – दोपहर 12.05
- 7 दिसंबर 2024 – सुबह 8.14 – दोपहर 01.28
- 11 दिसंबर 2024 – प्रातः 07.35 – प्रातः 07.59
- 12 दिसंबर 2024 – सुबह 07:36 – सुबह 09:59
- 15 दिसंबर 2024 – प्रातः 07.43 – प्रातः 11.29
- 23 दिसंबर 2024 – दोपहर 12.25 – शाम 05.21
- 25 दिसंबर 2024 – प्रातः 07.43 – प्रातः 10.50
- 28 दिसंबर 2024 – दोपहर 03.06 – शाम 07.16
कर्ण छेदन कब होता है? (कान छिदवाने का समय)
बच्चे का जन्म 10वें, 12वें, 16वें दिन होता है। इसे उपनयन संस्कार से पहले किया जाता है। अगर इन दिनों में न कर सकें तो फिर छठवें, छठे, पांचवें महीने में भी कान छुड़ें। शास्त्रों के अनुसार बालकों का पहले दाहिना कान छेदा जाता है जहां कन्या का बायां कान छेदा जाता है।
कान छेदने की विधि (कान छेदने की विधि)
- शास्त्रों के अनुसार कर्ण संस्कार मंदिर या घर में भी किया जा सकता है।
- बच्चे को स्नान और नए कपड़े। माता-पिता बच्चे को गोद में लेकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- कर्णछेदन संस्कार समारोह पहले देवी-देवताओं और अपने इष्ट देवताओं का आह्वान करने से शुरू हुआ। इसके लिए कोई भी पुरोहितों की सहायता ले सकता है।
- बच्चों के कान को सोने या चाँदी का तार पहनाया जाता है। बच्चे के कान में मंत्रों का उच्चारण करें।
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