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कौन हैं शशांक मणि त्रिपाठी? बीजेपी ने जिन्हें देवरिया से बनाया प्रत्याशी

यूपी लोकसभा चुनाव 2024: भारतीय जनता पार्टी ने रामपति राम त्रिपली का टिकट विशाखापटन शशांक मणि त्रिपली को चुनावी मैदान में उतारा है। शशांक निजीकरण के पूर्व न्यूनतम लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाण के पुत्र शशांक मणि त्रिमूर्ति को टिकटें चुनावी मैदान में उतारा गया है। शशांक मणि त्रिमूर्ति सामाजिक श्रम से जुड़े होने के साथ ही पिछले 10 वर्षों से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। शशांक ने साल 2019 में भी बीजेपी से टिकटों की मांग की थी. अब वे पिता लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपिटक की राजनीतिक विरासत को संभालेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने टिकट बुक के लिए बाहरी डाक टिकट धारकों को भी धमकी दी है।

मुस्लिम सीट पर भाजपा ने शशांक मणि त्रिपल को टिकट दिया है। उनका मुक़ाबला गठबंधन कांग्रेस प्रवर्तक अखिलेश प्रताप सिंह से है। कांग्रेस पार्टी के समर्थक निकोलस प्रताप सिंह कांग्रेस की स्वतंत्रता और राजनीतिक दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं। मशालची ने अभी इस सीट पर पट्टे नहीं खरीदे हैं। इस सीट पर शशांक जहां पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए आ रहे हैं। तो अलोएजेंसी का जनाधार भी काफी मजबूत है। ऐसे में इस मुकाबले में भी काफी क्रेजी होने की संभावना है। पार्टी ने उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपोली की राजनीतिक विरासत का पता लगाने का मौका दिया है। श्रीप्रकाश मणि त्रिपिटक 1996 से 1999 तक भाजपा से अल्पसंख्यक रहे हैं।

शशांक मणि का परिवार कैसा है?
शशांक मणि त्रिपाल ने दिल्ली से बीटेक और आईएमडी लुसान से एमबीए की पढ़ाई की है। इसका पहला निकोलाईड निकोलाई शिक्षा नाइकल के कॉल्विन तालुकदार कॉलेज से पूरी तरह से था। वे भारत अभियान सेंट्रल टोली के नीति प्रमुख हैं। तीन पुस्तकें मिडिल ऑफ डॉयमंड इंडिया, भारत एक स्वर्णिम यात्रा और भारत काफी प्रतिष्ठित हैं। वर्ष 2008 में शशांक मणि ने जागृति यात्रा की शुरुआत की। पुरावशेष गांव बारापार में जागृति इंटरप्राइजेज सेंटर रिकॉर्ड्स की रेकी। बैतालपुर में कॉल सेंटर की स्थापना। आज उनकी जागृति बाजार, सुपरमार्केट, गोरखपुर, महाराजगंज सहित कई उद्यमों में से कई उद्यमों को सेवा देने का काम कर रही है।

बस्तर जिले के बारपार गांव के मूल निवासी शशांक मणि त्रिपं का परिवार काफी मजबूत है। इनमें से एक बाबा पंडित सूरत नारायण मणि त्रिमूर्ति उत्तर प्रदेश कैडर के आयोएस रह रहे हैं। वह कई अध्यापिकाओं, काशीपीठ वाराणसी के वाइस चांसलर और विद्या गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्थापक रहे हैं। वह विधान परिषद के सदस्य भी रह रहे हैं. शशांक मणि के पिता श्रीप्रकाश मणि त्रिमूर्ति भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रह रहे हैं। सेना से हटने के बाद उन्होंने भाजपा की सदस्नोम्यता ली। 1996 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मिनेसोटा मुस्लिम सीट से। सबसे पहली बार उन्होंने ही भाजपा को जीत हासिल की थी।

शशांक मणि त्रिपिटक के चाचा श्री निवास मणि त्रिपिटक जिले के गौरी बाजार से सीट के नेता रह रहे हैं। इनकी पहचान तेज़ तर्रार हिंदूवादी नेता के रूप में है। मणि के तीसरे चाचा बिलास मणि त्रिपिटक अधिकारी रह रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश पुलिस के राजधानी भी रह चुके हैं। शशांक को प्लाज्मा सीट से टिकट मिलने पर जैसलमेर जिले के भाजपा में खुशी की लहर है।

28 लाख से ज्यादा हैं वोटर में वोटर
किसान की कुल जनसंख्या 28 लाख 18 हजार 561 है। तो वहीं अल्लाक्स की कीमत 17 लाख 35 हजार 574 रुपये है। इनके पुरूष पुरूष 9,50,812 महिला पुरूष 7,84,666 हैं। भगवन्भागी 96 हैं। जातिगत गुणांक की बात करें, तो ये सीट सार बाहुल्य सीट मानी जाती है। इसमें असंवैधानिक ब्राह्मण 27 प्रतिशत हैं। जाति जाति के लोग 14 प्रतिशत, अल्पसंख्यक 12 प्रतिशत, यादव 8 प्रतिशत, वैश्य 8 प्रतिशत, संतवार 6 प्रतिशत, कुर्मी 5 प्रतिशत, क्षत्रिय 5 प्रतिशत, काय जाति 4 प्रतिशत, राजभर 4 प्रतिशत, निषाद 3 प्रतिशत हैं। 4 प्रतिशतभागी हैं।

मुस्लिम समुदाय सीट से रामपति राम त्रिपिटक वर्तमान में भाजपा अल्पसंख्यक हैं। साल 2019 के चुनाव मोदी में वे यहां से न्यूनतम बने हैं। इससे पहले कलराज मिश्र भी यहां साल 2014 के चुनाव में कमल खिलाए हैं. बीजेपी के दोनों दिग्गज नेताओं पर विकास न करने का आरोप लगाया जा रहा है.

मुस्लिमों की पांचों विधानसभाओं पर बीजेपी का कब्ज़ा
मुस्लिम समाज के अंतर्गत आने वाले पांचों क्षेत्र में गांव पर भाजपा का कब्जा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पथरदेवा सीट पर सूर्य प्रताप रॉयल (यूपी सरकार में कृषि मंत्री), फैजाबाद सदर सीट पर बीजेपी के शलभ मणि त्रिपं, प्लांट फैक्ट्री सीट पर सुरन्द्रा बैराज, तमुकुहीराज सीट पर असीम कुमार और फाजिलनगर सीट पर सुरसुरा साहू ने जीत हासिल की। की.

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