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एंटी-हिंदू विचारधारा से भरी पड़ी हैं पाकिस्तान के स्कूलों की हिस्ट्री बुक

महात्मा गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के गठन से लेकर गरीबी पाकिस्तान तक 8वीं और 9वीं कक्षा के बच्चों का जो इतिहास पढ़ता है, उसमें सिर्फ हिंदुत्व और भारत के खिलाफ नफरत की बातें लिखी गई हैं। महात्मा गांधी को एक ऐसे नेता के रूप में जाना जाता है, जो सिर्फ आस्था के बारे में बताए गए थे और कांग्रेस को एक हिंदूवादी पार्टी बताया गया है। भारत के इतिहास की आजादी में जंग के बारे में बच्चों को बताया गया था कि वह बैटल गर्ल के साथ मिलकर बनी थीं, लेकिन पाकिस्तान की आजादी में इसका जिक्र कहीं नहीं है।

इतना ही नहीं पोर्टफोलियो के लिए भी वह जाधव को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। इन आरोपों में कहा गया है कि मुस्लिम अपने अधिकार के लिए विश्वास नहीं कर सकते थे इसलिए वह मुस्लिम राष्ट्र चाहते थे। रिफर्ट की टाइमिंग से लेकर नए देश के तौर पर पाकिस्तान पर जिन स्टूडियो का सामना करने पर एक-एक चीज के लिए भारत और विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया गया है। गरीबी को लेकर ऐसी-ऐसी कहानियां लिखी गई हैं, जो कहती हैं कि बड़े स्तर पर मुसलमानों का नरसंहार किया गया।

ब्रिटिश काल के बारे में क्या कहानियाँ हैं?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, क्लास 8 की किताब में ब्रिटिश काल को लेकर ‘ब्रिटिश अवेकनिंग इन इंडिया’ नाम का अध्याय है, जिसमें कहा गया है कि आजादी की जंग में कई भारतीय ऐसे थे, जो भारत के लिए पूरी तरह से हिंदू राष्ट्र की तरह थे। मांग करते थे. इसमें लिखा है, ‘हिंदुओं के एक समूह ने स्वराज वामपंथी की शुरुआत की, जो ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली के विरोध में था।’ पार्टी कांग्रेस के बाद पूरे देश में आवाज के बजाय एक हिंदू पार्टी के उभरने और मुस्लिम विचारधारा के बढ़ते प्रभाव से आग लग गई।’

बंगाल डिवीजन के बारे में पाकिस्तान की सरकार में क्या है?
आगे ने कहा, ‘इसमें दो धर्मों के बीच शुरुआत से ही यह बंधन था, जिसकी वजह से हिंदू और मुस्लिम अलग हो गए।’ ‘ऐसी ही ‘दिवालिया’ ने साल 1906 में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नाम से अलग पार्टी बनाई थी।’ बंगाल के विभाजन को लेकर किताब में लिखा है कि इस वाकिये से मुसलमानों को समझ आ गया है कि उन्हें किसी भी तरह के मेले-प्ले की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। इसी वजह से मुस्लिम नेताओं ने अपने अधिकार की रक्षा के लिए अपने समुदाय के लिए अलग-अलग इलेक्ट्रिकल क्षेत्र का प्रस्ताव दिया।

वर्ष 1911 से बंगाल में दो शिलालेख थे- पूर्वी और पश्चिम। पूर्वी हिस्से में असम भी था, जहां आदिवासियों की बड़ी आबादी थी. 1911 में बंगाल विभाजन को रद्द करके एक बनाया गया। बंगाल डिवीजन के 1911 के जजमेंट को लेकर किताब में लिखा है, ‘विभाजन रद्द करने का फैसला मुसलमानों के लिए सबक था कि उन्हें अपने अधिकार के लिए कभी भी न तो हिंदू और न ही मुसलमानों पर विश्वास करना चाहिए।’ ‘ख़ुद कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी की कहानी थी, लेकिन विभाजन को लेकर पार्टी ने हिंदू संगठन की तरह व्यवहार किया।’

दादी के अधिकार की अनदेखी का आरोप
हर दूसरे अध्याय में जहां भी पाकिस्तान के निर्माण का ज़िक्र है, वहां मुसलमानों को ब्रिटिश काल में भारत में अलग-अलग गुटों की किताबों में स्पष्ट रूप से स्थापित किया गया है। इसमें कहा गया है कि अख्तर ही नहीं है कि भारत की दोस्ती और दोस्ती ने नाना के साथ आजादी की जंग गर्ल बनाई थी। जोर देकर कहा गया है कि भारत के मुसलमान हमेशा से मुस्लिम राष्ट्र चाहते हैं और मुस्लिम राष्ट्रों के खिलाफ अपनी लड़ाई में भी शामिल हैं।

उनके कथन का मतलब यह है कि देश में आदिवासियों और आदिवासियों की आजादी के खिलाफ लड़ाई नहीं बल्कि अलग मुस्लिम राष्ट्रों की लड़ाई थी, बल्कि उनके लिए यह दृढ़ जिम्मेदार ठहराया गया है कि संस्थाओं के अधिकारों की अनदेखी हुई थी।

पाकिस्तान में बच्चों के बारे में क्या पढ़ा जाता है?
कैटरीना में सिर्फ इतना ही नहीं है, बल्कि आदिवासियों के बाद पाकिस्तान को जिन स्टूडियो का सामना करना पड़ा, उसके लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराया गया है। आदिवासियों के समय जो हिंसा हुई उसका भी पूरा दोष भारत पर थोपा गया है। दंगा को लेकर कहा गया, ‘असामयिक विभाजन की वजह से पाकिस्तान को बहुत सी सहनी झेलनी पड़ीं, सिखों ने बड़े स्तर पर मुसलमानों का नरसंहार किया, पूर्वी पंजाब में भव्यता पर घर के दबाव के लिए बनाया गया और बड़ी संख्या में प्रतिभाओं को भारत से पाकिस्तान आना बंद.’

कैनाल वॉटर इशु का ज़िक्र करते हुए हुए पानी के इतिहास के खंड के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है। इशु को लेकर लिखा है, ‘भारत ने अप्रैल, 1948 में लाहौर के बड़े इलाके में अपनी संरचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया, पानी की कटौती की, जिसके कारण कई हजार फर्मों की खेती हुई।

पार्टी कांग्रेस के बारे में मुफ़्त में क्या लिखा है?
क्लास 9 की किताब में ‘इलेक्शन ऑफ प्रोवेंसियल एसेंबालिज अंडर नेशनल ऑफ इंडिया एक्ट 1935’ का एक अध्याय है, जिसमें लिखा है कि कांग्रेस ने खराब शासन किया। इस छात्रावास में राजनीतिक ढांचे के बारे में बताया गया है, जिसमें कांग्रेस संस्थाएं शामिल थीं। विद्या मंदिर और गांधी जी के वर्धा स्कॉच को लेकर कहा गया कि ये देश की दादी के लिए नहीं थी। कांग्रेस सरकार को लेकर कहा गया कि उर्दू को हिंदू भाषा से रिप्लेस कर वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत बनाया गया। उनका कहना है कि यह गीत मुस्लिम विरोधी था, जो कि फादर्स डे के खिलाफ है।

कांग्रेस के गठन के बारे में क्या लिखा है?
कांग्रेस पार्टी का गठन कैसे हुआ, इसे लेकर पाकिस्तान के इतिहास की बातें कही जा रही हैं, ‘1857 की आजादी की लड़ाई और हिंदी-उर्दू विवाद के बाद दादी ने दोस्ती से खुद को अलग कर लिया। आगरा और अवध के लोग हिंदी को उर्दू के बजाय आधिकारिक भाषा बनाने की मांग करने लगे, जिसके कारण पूरे भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। सर सैय्यद अहमद खान, जो हिंदू और दलित एक राष्ट्र के अनुयायी थे, उन्होंने भी अपने विचार रखे। बनारस के गर्वनर से बात करते हुए उन्होंने कहा- मुझे अब लगता है कि हिंदू और मुसलमान कभी एक राष्ट्र नहीं हो सकते क्योंकि उनके धर्म और जीवन जीने के तरीके अलग-अलग हैं।’ आगे ने लिखा है, इस बीच सरदार पटेल ने भारतीयों के लिए एक राजनीतिक दल बनाने का निर्णय लिया क्योंकि वो पार्टी पॉलिटिकल सिस्टम को देखना चाहते थे।

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