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‘ताइवान की स्वतंत्रता’ यानी युद्ध, चीनी सेना की खुलेआम धमकी

चीनी सेना की धमकी: चीन की पीआईएल आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल जिंग जियानफेंग ने ताइवान को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ताइवान कभी भी स्वतंत्र और अलग होने वाली देवी नहीं है। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, ‘ताइवान की आज़ादी’ का अर्थ युद्ध है। लेफ्टिनेंट जनरल जिंग जियानफेंग ने ये बातें शनिवार को सिंगापुर में कही।

जिन जियानफ़ेंग केंद्रीय सैन्य आयोग के संयुक्त कर्मचारी विभाग के उप प्रमुख भी हैं। सिंगापुर में आईएसआईएस शांगरी-ला वार्ता के दौरान जिंग ने कहा, ‘प्ले ताइवान को कभी भी चीन से अलग नहीं होना पड़ेगा, ताइवान की आजादी की लड़ाई के समान है।’ सैन्य अधिकारी ने कहा कि पीएलए सैनिकों को प्रशिक्षण देना, युद्ध की स्थिति में तैयारी करना और ताइवान की आजादी के लिए दूसरे जारी रिहायशी इलाके के खिलाफ कार्रवाई करना।

चीन की ताइवान को लेकर क्या है नीति?
चीनी अधिकारी ने कहा कि चीन हमेशा ताइवान को पुनर्मिलन को बढ़ावा देने और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करेगा। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि चीनी सेना देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनी मातृभूमि के साथ मिलकर काम करेगी। इससे एक दिन पहले चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून ने शांगरी-ला वार्ता के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने ताइवान प्रांत में चीन की नवीनतम खोज, जापान और अंतरिक्ष की आसपास की स्थिति पर चर्चा की।

सिर तोड़ने की चीनी दे चुका है खतरनाक
वर्ष 1949 में ताइवान चीन से अलग स्वतंत्र रूप में शामिल हुआ। बीजिंग इस द्वीप का अपना प्रांत है। दूसरी तरफ ताइवान अपना खुद का अलग देश है। दूसरी ओर बीजिंग ताइपे के साथ किसी भी विदेशी राज्य के आधिकारिक संपर्क का विरोध किया जाता है और द्वीप पर चीनी संप्रभुता को मान्यता दी जाती है। हाल ही में चीन ने पूरे ताइवान को आधिपत्य युद्ध का अभ्यास कराया था। इस दौरान चीन ने कहा कि जो ताइवान की आजादी की बात कर रहा है, वह उसका सिर तोड़ देगा।

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