पाकिस्तान के ऊपर 124 बिलियन डालर का हुआ कर्ज, चीन इस प्रोजेक्ट में फंसा PAK
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पाकिस्तान ऋण: चीन की जाल में पाकिस्तान का बुरा जाल चल रहा है, जिस तरह से पाकिस्तान ने चीन के सी.पी.ई.सी. प्रोजेक्ट को लेकर विचार नहीं किया था। जिन्ना के देश पाकिस्तान पर कर्ज़ अब दोगुना हो गया है, ऐसे में पाकिस्तान पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों पांच दिव्य चीन यात्राएं कर रहे हैं। चीन में शहबाज सरफराज चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। शाहबाज की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान सबसे ज्यादा चीन पर भरोसा कर रहा है।
शाह सरफराजबाज चीन के विकास पोस्टर के बारे में निश्चित रूप से पहचानने वाले शहर शेन्ज़ेन और शीआन का दौरा करेंगे। पाकिस्तान अपनी ख़राब अर्थ व्यवस्था से तुरंत बाहर आने की उम्मीद कर रहा है, पाकिस्तान को चीन के सी.पी.सी. प्रोजेक्स से काफी अलग हैं, लेकिन आगे क्या कहना मुश्किल है। अवलोकन, पिछले एक दशक में पाकिस्तान का कर्ज़ दोगुना हो गया है।
सीपीईसी पाकिस्तान को कर्ज में फंसाने वाला प्रोजेक्ट
साल 2015 में 62 अरब डॉलर के सीपी प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी। इस प्रोजेक्ट में दोनों देशों के सरकारी गेम चेंजर मुख्य रूप से शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख रूप से पोर्ट, पावर प्लांट और स्ट्रीट नेटवर्क का निर्माण शामिल है। एक दशक पहले यह प्रोजेक्ट लेकर विशाल उम्मीद की गई थी, पर अभी तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। सीपीईसी कंपनी के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। चीन इसे व्यावसायिक गतिविधि बढ़ाने वाला प्रोजेक्ट पेश करता है, लेकिन इसे चीन के राजनीतिक प्रभाव को बढ़ावा देने और पाकिस्तान जैसे गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले शेयर कहते हैं।
पाकिस्तान का दोगुना हुआ कर्ज
पाकिस्तान में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सुविधाओं की वजह से सीपीईसी योजना जमीन पर नहीं उतरी। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब शहबाज सरफराज सत्ता में आ गए हैं। शाह एक बार फिर नई कंपनी से सीपीयू को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। साल 2015 में नवाज़ शरीफ़ ने सीपीईसी प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इस प्रोजेक्ट की वजह से पाकिस्तान का विकास तो नहीं हुआ लेकिन कर्ज दोगुना जरूर हो गया। साल 2013 में नवाज शरीफ जब सत्ता में आए तो पाकिस्तान का विदेशी कर्जा 59.8 डॉलर था। एक दशक बाद अब उनके भाई शहबाज शरीफ सत्ता में हैं और पाकिस्तान का कर्ज 124 डॉलर से ऊपर है। पूरे कर्ज़ में सबसे ज़्यादा 30 अरब डॉलर की चीनी कंपनी है।
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