डिप्रेशन ने छीन लिया था चैन, सुसाइड के आने लगे थे ख्याल, फिर ऐसे जीता खुद का भरोसा और बन गए IPS
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आईपीएस अमित लोढ़ा की सफलता की कहानी: कहते हैं खुद पर अगर भरोसा हो तो नामुमकिन भी हो जाता है। वेबसीरीज़ से चर्चा में एक आदर्श अपराधी अधिकारी अमित लोढ़ा की जिंदगी की कहानी कुछ ऐसी ही है। कई अपराधी गैंग का सफाया करने वाले अपराधी अमित लोढ़ा के जीवन में भी एक समय ऐसा आया था जब वह अवसाद का शिकार हो गए थे और आत्महत्या करने के बारे में विचार-विमर्श कर रहे थे। हालाँकि वे फिल्में सामने आईं और खुद पर भरोसेमंद बनी रहीं। उनके इसी दावे ने उन्हें गोल्डनिम सक्सेस का घर बना दिया।
दिल्ली में पढ़ाई के दौरान अमित का हौंसला ने जवाब दिया। गणित जैसे विषय में उनका प्रदर्शन स्थिरांक गिरता जा रहा था। उनके खराब प्रदर्शन के कारण उनके दोस्त उनसे दूरी बनाने में लगे थे। अपनी प्रतिस्पर्धियों से दिलचस्प अमित धीरे-धीरे अवसाद में जाने लगें। इससे उनका पढ़ाई में प्रदर्शन ख़राब हुआ. परन्तु उन्हें कोई हानि नहीं हुई। खुद पर प्रतिमा बनाये रखी। गणित में ई-कैटेगरी मीटिंग के बाद भी उन्होंने खुद को नहीं मारा।
खुद पर सबसे अच्छा ही कोई उदाहरण हो. अमित ने यूपी एसएससी की तैयारी के दौरान एक ही विषय को मुख्य विषय के रूप में स्पष्ट रूप से चुने जाने के कारण में विश्वास को खत्म करने के बारे में विचार-विमर्श किया था। यूपीएससी के परीक्षा में गणित में अमित ने न केवल अच्छे अंक हासिल किए, बल्कि बेहतर रैंक हासिल की, इससे साबित होता है कि अगर आप मजबूत हैं और खुद पर भरोसा रखते हैं तो कोई मंजिल दूर नहीं है।
ख़त्म हुआ महतो गैंग का चैप्टर
सुपर कॉप के नाम से जाने-जाने वाले अमित लोढ़ा का परिचय के मोहताज नहीं है। बिहार में क्राइम चैप्टर पर रोक के उपयोग में विशेष भूमिका जारी है। उन्होंने साल 1995 में अपनी पढ़ाई पूरी की थी और 1998 में कथित तौर पर फाँसी लगा ली थी। आश्रम-मीठे मराठा के साथ अमित का इतिहास आगे बढ़ता रहा कि वर्ष 2005 में नए नवले जिला बने शेखपुरा में उन्हें भेजा गया है। जहां उनका साक्षात आशुतोष गैंग से हुआ. काफी साहसी और बहादुरी के साथ अमित ने इस गैंग का चैप्टर बंद कर दिया। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रिश्ते की तैयारी
एफ़आईईटी अमित ने सेंट जेवियर्स स्कूल जयपुर से 12वीं कक्षा की पढ़ाई की है। आज उनकी गिनती सीनियर ग्रेजुएट्स में होती है। उन्होंने यूपी सर्विस क्रैक करने के लिए एक योजना बनाई और उसे सफलता की समीक्षा में फॉलो किया।
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