स्वास्थ्य

क्या आपको भी बिना किसी वजह के चक्कर आते हैं तो कभी न करें इग्नोर

रक्तचाप की समस्या
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) या निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) दोनों ही चक्कर आना का कारण बन सकते हैं। जब नाइट्रोजन असामान्य होती है, तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। इसके लक्षण सिरदर्द, सिरदर्द, कमजोरी और सिरदर्द हैं। इसका इलाज करने के लिए नियमित रूप से ब्लड मिक्सचर की जांच करें और डॉक्टर का आकलन समय पर लें।

मधुमेह (मधुमेह)
मधुमेह के रोगियों में शुगर लेवल के अचानक बढ़ने या बढ़ने से चक्कर आ सकते हैं। यह स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरग्लाइसीमिया कहलाती है। मधुमेह के रोगियों में शुगर लेवल कम या ज्यादा होने से चक्कर आ सकता है। इसके लक्षण हैं मोटापा आना, कमजोरी महसूस होना, भूख लगना और चक्कर आना। इसका इलाज करने के लिए रोजाना रूप से ब्लड शुगर की जांच करें और सामग्री ले लें।

कान की समस्या
कान के छोटे हिस्सों में सूजन या समस्या होने पर भी चक्कर आ सकता है, जिसे वर्टिगो कहा जाता है। इसमें कान में दर्द, नामित कम देना, और संतुलन संतुलन शामिल हैं। इसका इलाज करने के लिए कान के विशेषज्ञ से संपर्क करें और काजल का सेवन करें। दैनिक जांच-पड़ताल भी जरूरी है.

रक्त की कमी
रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से भी चक्कर आ सकता है, जिसे कहते हैं। इसके लक्षण हैं थकान, कमजोरी, सांस फूलना और चक्कर आना। इसका इलाज करने के लिए आयरन युक्त आहार लें और डॉक्टर की सलाह पर खुराक लें। प्रतिदिन रूप से खून की जांच करना भी जरूरी है।

हृदय रोग
हृदय से संबंधित समस्याओं के कारण भी चक्कर आ सकता है। जब हृदय सही से पंप नहीं कर पाता तो शरीर के अन्य आयामों में रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता।

पानी की कमी (पानी की कमी)
शरीर में पानी की कमी होने पर भी चक्कर आ सकता है। खासतौर पर गर्मियों में यह समस्या अधिक होती है।

अंततः
रोग के कारण भी चक्कर आ सकते हैं। यह एक प्रकार का सिरदर्द है जो अक्सर एक तरफा होता है।

विशेषज्ञ की सलाह

  • स्वास्थ्य की नियमित जाँच करवाएँ: साल में कम से कम एक बार संपूर्ण शारीरिक जाँच करवाएँ।
  • बुनियादी आहार लें: पोषण से पोषण आहार लें और नियमित रूप से पानी लें।
  • व्यायाम करें: रोज़ व्यायाम करें और अपने शरीर को फ़ोटो दें।
  • तनाव को कम करें: योग और चिकित्सा ऐसे करें ताकि मानसिक तनाव कम हो।

अस्वीकरण: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया पर आधारित है। आप भी अमल में आने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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