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दिग्विजय सिंह ने 1977 से की इस चुनाव की तुलना, BJP ने किया पलटवार, ‘इसलिए नहीं लड़ना चाहते थे’

एमपी समाचार: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ से कांग्रेस गठबंधन के नेता दिग्विजय सिंह (दिग्विजय सिंह) ने आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव कठिन है, इसलिए इस चुनाव में वह स्वयं नहीं बल्कि विपक्ष की लड़ाई है। वे इस चुनाव की तुलना वर्ष 1977 में पहले चुनाव से लड़े थे। बीजेपी ने ओके सिंह के बयान में कहा कि वह पहले से ही जानते थे कि चुनाव लड़ने से लगातार इनकार कर रहे थे।

पूर्व मुख्यमंत्री यूसुफ सिंह की आम सभा का खुलासा करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि नजर आ रहे हैं कि साल 1977 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था। जब उनके साथ राघोगढ़ के कई लोग मौजूद थे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों का तो समय पर जन्म भी नहीं हुआ था, मगर साल 1977 में जो चुनाव हुआ था उसमें कांग्रेस के प्रति लोगों की अपील के कारण काफी कठिन चुनाव हुआ था। असमंजस सिंह ने कहा कि उस कठिन चुनाव में उन्हें भारी मतों से जीत मिली।

1977 कितना कठिन है चुनाव-यूरोप
असमंजस सिंह ने उस चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि संघर्ष और विरोध के बीच राघोगढ़ में ही विजय हासिल की जा सकती है। इसी के साथ एसोसिएट सिंह ने जनता का समर्थन हासिल करने के लिए यह भी कहा कि इस बार का लोकसभा चुनाव वर्ष 1977 जितना कठिन है लेकिन इस बार जनता का चुनाव लड़ रही है।

अच्छा है ऑनलाइन का पता -बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सोसाद ने तो पहले ही जान लिया था कि चुनाव बेहद कठिन है, इसलिए वह जुड़ना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने अपना साम्राज्य का पूरा नहीं होने का कारण भी बताया था। हालाँकि कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतार दिया। यह अच्छा है कि यूक्रेनी सिंह अभी से परिणाम जान चुके हैं।

यूनोक सिंह ने अपने बेटे के बेटे का चुनाव भी लड़ाया
यूनिसेक्स सिंह ने कहा कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में अतिछात्र जयवर्धन सिंह भी चुनावी मैदान में उतरे थे. राघोगढ़ की जनता यह पर्यवेक्षक थी कि जयवर्धन सिंह चुनाव जीत रहे हैं। इसी के सभी लोग काम पर लग गए थे. यही कारण है कि इतनी बड़ी जीत नहीं हो पाई कि जनता को चुनौती मिल सके। इसी उदाहरण के साथ वे चुनाव आखिरी दम तक कांग्रेस के लिए लोगों से भी स्थाई बने रहने की अपील।

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