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सऊदी के पाठ्यक्रम में बदला इजरायल का हिंसक चेहरा, पूरे फिलिस्तीन वाला नक्शा भी गायब

सऊदी स्कूल पाठ्यक्रम: सऊदी अरब की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलावों का खुलासा हुआ है, इसके तहत सऊदी ने अब इजरायली विरोधी पाठों को कम कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि हाल के वर्षों में इजराइल और सऊदी के आरोपों में सुधार आया है, जिसके बाद यह बदलाव देखने को मिल रहा है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि सऊदी ने इजरायल विरोधी सामग्री के दस्तावेज हटा दिए हैं। यह शोध लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर मॉनिटरिंग पीस एंड कलचर टॉलरेंस इन स्कूल एजुकेशन (इम्पैक्ट-एसई) ने किया है। यह संस्थान शांति और सहनशीलता को आधिकारिक तौर पर लागू करने के लिए दुनिया भर में लागू होने वाले मानकों का विश्लेषण करता है।

हाल के वर्षों में संस्थान ने हिंसक और यहूदी विरोधी सामग्री को लेकर धार्मिक सामग्री को हटाने की कई रिपोर्टें प्रकाशित की हैं। अवलोकन, अभी इसे पूरी तरह से नहीं हटाया गया है। शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि सऊदी में एक सामाजिक विज्ञान की पूरी किताब का ही पाठ्यक्रम हटा दिया गया है, जिसमें इजराइल विरोधी सामग्री थी। IMPACT-SE के मुताबिक, सऊदी में इजराइल और जायोनीवाद की तस्वीर बदल दी गई है।

इज़रायल को सिद्धांत नहीं दिया गया
शोध में कहा गया है कि सऊदी के छात्रों ने अब उस किताब को नहीं पढ़ा है, जिसमें जायोनीवाद को एक नस्लवादी यूरोपीय आंदोलन के रूप में बताया गया है। इसमें बताया गया था कि इजराइल का मकसद पूरे फिलिस्तीन पर कब्ज़ा करना है. इजराइल में फिलीस्तीन के तेल के कुओं और इस्लामी पवित्र स्थानों पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। अविश्वास, सऊदी अरब में अभी भी इजराइल के समर्थकों को कोई मान्यता नहीं दी गई है। लेकिन जो इजराइल को फिलीपीन के रूप में दिखाया गया था, उसे हटा दिया गया है। कोर्स से अब होलकॉस्ट को भी हटा दिया गया है, जिसे हिटलर की तरफ से यहूदी नरसंहार के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा 1948 के युद्ध में भी इजराइल पर कब्ज़ा करने का मामला बताया गया है।

IMPACT-SE की पिछली रिपोर्ट क्या थी?
डिटेल, IMPACT-SE की पिछली रिपोर्ट में चार नकारात्मक उदाहरण दिए गए थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है। इसके अलावा 21 अन्य उदाहरणों को भी हटा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईसाई और यहूदी धर्म के चित्रण में भी सुधार किया गया है। पाठ्यक्रम के 2023 संस्करण में ईसाइयों और यहूदियों के उनके धार्मिक ग्रंथों में बदलाव करने के आरोपों को भी हटा दिया गया है।

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