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Vikramaditya Vedic Clock क्या है ? सही समय और मुहूर्त कैसे बताएगी ये अनोखी घड़ी

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी: 1 मार्च 2024 को नरेंद्र मोदी मज़हब में एक अद्भुत घड़ी का रहस्य होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ये कोई आम घड़ी नहीं बल्कि महाकाल की नगरी मुसाफिर में दुनिया की पहली वैदिक घड़ी स्थापित की जा रही है, जो पूरी तरह से डिजिटल होगी। आइए जानते हैं आखिर ये विक्रमादित्य वैदिक घड़ी कैसे काम करती है, इसकी खासियत क्या है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की विशेषताएं (विक्रमादित्य वैदिक घड़ी विशेषताएं)

विश्व की प्रथम डिजिटल वैदिक घड़ी – मज़हब हमेशा से काल गणना का केंद्र बना हुआ है। बाईसा में उज्जयिनी से स्थापित और प्रोसरित समय का पालन किया जाता है। अब म्युज़ियम में दुनिया की पहली बार डिजिटल वैदिक घड़ी जा रही है। अध्ययन में कई विशेषताएं हैं।

48 मिनट से 1 घंटा – इस घड़ी में सनराइज से नेक्स्ट सनराइज 30 घंटे की टाइमिंग दिखाई देगी। मानक भारतीय समय (IST) के आधार पर 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का 1 घंटा तय किया गया है। इस घड़ी में 24 घंटों को 30 कलाकारों में गाया गया है।

मूर्ति, मूर्ति की स्थिति की जानकारी – 1906 से पहले समय की गणना के लिए इसी तरह की वैदिक पद्धति का प्रयोग किया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए बनाए गए वैदिक घड़ी को बनाया गया है। इस वैदिक घड़ी में हिंदू पंचांग, ​​स्मारक, चिन्ह की स्थिति, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के माध्यम से ज्योतिषीय गणना सहित हिंदू कैलेंडर में मिलने वाली हर चीज देखी जा सकती है।

सूर्य-चन्द्र ग्रहण की जानकारी – ये वैदिक घड़ी ग्रीनवीच मीन समय के साथ भारतीय कालगणना वाले विक्रम संवत पंचांग, ​​30 नक्षत्र, योग, भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, मौसम, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्य, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रह के बारे में भी बताया गया है।

वैदिक का घड़ी ऐप – विक्रमादित्य वैदिक घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है जो डिजिटल होगी। इस वैदिक घड़ी का एक ऐप भी बनाया गया है, जिसमें सभी जानकारियों को बताया जाएगा।

इस घड़ी में चॉकलेट का भी इस्तेमाल किया गया है, जिसमें हर घंटे अलग-अलग तस्वीरें नजर आती हैं। घड़ी में होने वाले बदलावों की जानकारी आपको ऐप पर मिलेगी।

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